जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर पाकिस्तान से आई मूक-बधिर गीता के असली माता पिता का पता नहीं चल सका है। फिलहाल वह दो साल से इंदौर के स्कीम नंबर 71 स्थित ‘मूक-बधिर संगठन’ में रह रही है। लेकिन बताया जा रहा है कि उसे दूसरे शहर में शिफ्ट करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर अंदरूनी तैयारी शुरू हो गई है। उसे उज्जैन के महिला वसतीगृह में शिफ्ट किए जाने की संभावना है। हालांकि जिला प्रशासन इस बात से अनभीज्ञता जता रहे हैं।
अब तक करीब एक दर्जन दंपती ने उसके माता-पिता होने का दावा किया है, लेकिन किसी का भी डीएनए उससे मैच नहीं हो पाया। अब राज्य शासन ने महिला बाल विकास विभाग से पूछा है कि गीता को यहां से शिफ्ट करने के क्या प्रावधान हैं? इस संबंध में महिला बाल विकास ने सामाजिक न्याय विभाग से भी मत मांगा है। सूत्रों के मुताबिक गीता को शासन यहां से हटाना चाहता है क्योंकि यहां कई बार वह विवादों में आ चुकी है। उसे ऐसी संस्था में रखने की योजना है, जहां उसका कौशल विकास भी हो सके।