मृत्युंजय कुमार / नई दिल्ली । देश की 40 फीसदी आबादी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान सौगात में दिया है। 10 करोड़ से भी अधिक परिवारों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए सरकार ने आम बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (आयुष्मान भारत) की घोषणा की है। जिसके तहत गरीब और कमजोर परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये का बीमा मिलेगा। इस लिहाज से देखें तो देश की करीब 1.30 अरब आबादी में करीब 40 प्रतिशत के लिए बड़े स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान इस बजट में किया है। इस आयुष्मान भारत कार्यक्रम को दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी योजना बताया जा रहा है।
गुरुवार को लोकसभा में 2018-19 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह योजना आम आदमी के लिए बड़ी राहत देने वाली है। आर्थिक आधार पर जो लोग गरीब हैं, उनका चयन करके स्वास्थ्य बीमा लाभ दिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा।
जेटली ने बताया कि अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब परिवारों के बीमा के लिए सरकार ने महज 30 हजार करोड़ रुपये आवंटित कर रखे थे। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत ये दो दूरगामी पहलें वर्ष 2022 तक एक नये भारत का निर्माण करेंगी।
इसके अलावा जेटली ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयुष्मान भारत कार्यक्रम के लिए 1,200 करोड़ रुपये का फंड प्रस्तावित है। जिसके तहत देश भर में करीब डेढ़ लाख उप केंद्रों की दशा को सुधारा जाएगा।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर योजना के तहत जिला अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। वहां विभिन्न प्रकार की चिकित्सीय जांचों को निशुल्क किया जाएगा। इसके अलावा टीबी को रोगियों को पोषक पदार्थ मुहैया कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया है। चिकित्सीय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिहाज से सरकार ने इस बार 24 नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना करने का फैसला किया है। साथ ही जिला स्तरीय अस्पतालों को भी अपग्रेड किया जाएगा।
बता दें कि पिछले वर्ष 2017-18 में सरकार ने स्वास्थ्य पर 47,353 करोड़ का बजट रखा था। जबकि इस बार 2018-19 के लिए इसमें बढ़ोत्तरी करते हुए बजट 52,800 करोड़ रुपये किया है। इसमें से सबसे ज्यादा खर्चा 39,199 करोड़ रुपये सरकार जिला और तहसील स्तर पर बने स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूती देने के लिए करेगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार 24,280 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। जिसकी बदौलत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
पहली बार सरकार ने अपने बजट में स्वास्थ्य को इतना महत्व दिया है। सरकार ने तीन बड़े बिंदुओं पर पूरा बजट तैयार किया है, इसमें गरीबों को स्वास्थ्य लाभ, चिकित्सीय शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य को मजबूती देना। यह स्वास्थ्य बजट पूरी तरह से गरीबों वाला है, एक आम आदमी के लिए नहीं है। -डॉ. केके अग्रवाल, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन