जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के नाम पर घोषित ओबामा केयर के जवाब में दुनिया के सबसे बड़े हेल्थकेयर स्कीम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान किया जिसे मोदी केयर का नाम दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि अमेरिकी कांग्रेस ने पेशंट प्रॉटेक्शन ऐंड अफोर्डेबल केयर ऐक्ट नाम से हेल्थकेयर प्रोग्राम को कानूनी रूप दिया था जिसे शॉर्ट में अफोर्डेबल केयर ऐक्ट भी कहा जाता है। तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 23 मार्च 2010 को इस कानून पर दस्तखत किए। जब विपक्षी दल के लोग इसे ओबामाकेयर कहने लगे तो खुद राष्ट्रपति ओबामा ने इसी नाम को अपना लिया।
वित्त मंत्री जेटली ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोग्राम करार देते हुए कहा कि इससे कम-से-कम 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इस लिहाज से देखें तो देश की करीब 1.30 अरब आबादी में करीब-करीब 40 प्रतिशत के लिए बड़े स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान इस बजट में किया गया है। यानी, योजना के तहत अब गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक के इलाज पर अपने पैसे खर्च नहीं करने होंगे।
जेटली ने कहा, ‘हम गरीब और दुखी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये की सहायता दे सकें। यह विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा। अस्पातल में भर्ती के लिए यह सुनिश्चित करेंगे इस कार्यक्रम को पूरी तरह से पूरा किया जा सके।’ अभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीब परिवारों के बीमा के लिए सरकार ने महज 30 हजार करोड़ रुपये आवंटित कर रखे थे।
बहरहाल, जेटली ने गांव और गरीबों के लिए कई बड़े ऐलान किए…
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत अब गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री होगा।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयुष्मान भारत कार्यक्रम के लिए 1,200 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गयाः जेटली।
टीबी को रोगियों को पोषक पदार्थ मुहैया कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन।
सरकार 24 नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना करेगी और जिला स्तरीय अस्पतालों को भी अपग्रेड किया जाएगा।
-उज्ज्वला योजना के तहत 5 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया जा चुका है। अब इसका लक्ष्य बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है।
-प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत बिना किसी शुल्क के 4 करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है।
-स्वच्छ भारत मिशन के तहत 6 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं। अगले वित्त वर्ष में 2 करोड़ और शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार 2022 तक हर गरीब को घर मुहैया करना चाहती है। ग्रामीण क्षेत्र में इस वित्त वर्ष में 51 लाख घर बनाए जा रहे हैं और अगले साल के लिए भी इतने ही घरों का प्रस्ताव है। शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बने के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं।