जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पद का दुरुपयोग कर ललित मोदी को फायदा पहुंचाने के आरोपों से घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बचाव किया तो किया लेकिन आस्तीन के सांप के सवाल पर चुप्पी साध गए।
दिलचस्प ये है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब जेटली से पूछा गया कि ‘आस्तीन का सांप’ कौन है? तो इस सवाल को जेटली टाल गए। सोमवार को बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने ट्विटर पर कहा था कि सुषमा-ललित विवाद के पीछे किसी आस्तीन के सांप का हाथ है। कीर्ति के पक्ष में भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी हांमी भरी थी।
सुषमा स्वराज पर आरोप है कि उन्होंने ट्रैवल वीजा हासिल करने में ललित मोदी की पैरवी की थी। इस दौरान उन्होंने तय प्रक्रिया को दरकिनार कर और बिना वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री से इसकी जानकारी साझा किए बिना फैसला किया। इसपर सवाल पूछे जाने पर जेटली ने कहा, ‘सरकार से सभी मंत्री फैसले लेने में सक्षम हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सुषमा स्वराज ने जो किया अच्छी नीयत से किया।’
अरुण जेटली ने कहा, ‘ललित मोदी-सुषमा स्वराज मामले पर सरकार और बीजेपी का मत एक है। इस मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और खुद स्वराज ने भी अपनी बात कह दी है।’
गौरतलब है कि आईपीएल को पूर्व कमिश्नर ललित मोदी पर 700 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप है।
अरुण जेटली और राजनाथ सिंह बाढ़ प्रभावित जम्मू में सरकार के राहत कार्यों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। जम्मू पर जब उनकी ब्रीफिंग पूरी हुई और सेशन को पत्रकारों के लिए खोला गया, सुषमा स्वराज से जुड़े सवाल पूछे गए। जेटली ने फौरन पहले ही सवाल के जवाब में विदेश मंत्री का बचाव करते हुए उनपर लगे तमाम आरोपों को बेबुनियाद ठहरा दिया
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