जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार पर किसान विरोधी आरोप लगाने वाली विपक्षी पार्टियों को नरेंद्र मोदी सरकार ने आज करारा झटका दिया हे। केंद्र सरकार ने न सिर्फ खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की है बल्कि आसमान छूती दाल की कीमतों पर लगाम लगाने का भी प्रयास किया है। धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में जहां 50 रुपए, वहीं दलहन के एमएसपी में 275 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी की गई है। साथ ही सरकार ने दलहन पर 200 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है। सरकार ने खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश पर लिया है। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से आम आदमी को राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में वर्ष 2015-16 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी तय कर दिया गया है। लिए गए निर्णय के अनुसार खरीफ फसल के एमएसपी में 50 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। निर्णय की जानकारी देते हुए केंद्रीय टेलीकॉम व सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि पहले जहां सामान्य धान का एमएसपी1360 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को दिया जाता था उसे बढ़ाकर 1410 रुपए कर दिया गया है। ग्रेड ए धान की कीमत 1400 प्रति क्विंटल रुपए को बढ़ाकर 1450 रुपए कर दिया गया है। हाईब्रीड ज्वार की कीमत पहले जहां 1530 रुपए प्रति क्विटल दी जाती थी अब किसानों को उसकी 1570 रुपए दिए जाएंगे। बाजरे की कीमत में 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी करने का फैसला सरकार ने लिया है। मक्के के एमएसपी में 15 रुपए की बढ़ोत्तरी करने का फैसला सरकार ने लिया है।
असमय हुई बारिश के कारण आसमान छूती दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने अरहर दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 275रुपए प्रति क्वींटल की बढ़ोत्तरी की है। पहले अरहर दाल का एमएसपी 4350 रुपए प्रति क्वींटल था जिसे बढ़ाकर 4625 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह मूंग की दाल का एमएसपी जहां पहले 4600 रुपए दिया जाता था, अब 4850 रुपए दिया जाएगा। ऊरद दाल का एमएसपी पहले जहां 4350 रुपए था उसे बढ़ार 4650 रुपए कर दिया गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस सीजन में पिछले सप्ताह तक 4.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई-रोपाई हो चुकी थी। पिछले साल इसी अवधि में धान का रकबा 4.52 लाख हेक्टेयर था। मौजूद फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई-जून) में चावल का उत्पादन 10.254 करोड़ टन अनुमानित है जबकि इससे पूर्व वर्ष में यह रिकॉर्ड 10.66 करोड़ टन था। धान के एमएसपी में वृद्धि से किसान इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।