जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । विपक्षी दलों ने राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । विपक्ष का आरोप है कि उन्हें नायडू ने बोलने का मौका नहीं दिया। विपक्ष का कहना है कि वह मुद्दों पर बात करना चाहते थे लेकिन उन्हें बार-बार रोका गया इसके चलते उन्होंने सदन से बाहर जाना ही बेहतर समझा। वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि विभिन्न स्थानों से आने वाले प्रतिनिधियों को राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है यह कैसा लोकतंत्र है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘चेयर में लोकहित के मुद्दे पर बोलने नहीं दे रहे हैं। यह सही नहीं है। इसलिए एकजुट विपक्ष ने आज दिनभार के लिए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि चेयरमैन को नियमों के अनुसार सदन की कार्यवाही चलानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आजाद ने कहा कि यह सरकार कोई क्रांतिकारी काम नहीं कर रही है। यह गेम चेंजर (खेल पलटने वाली) नहीं बल्कि नेम चेंजर (नाम बदलने वाली) है। आजाद ने प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया को नकारते हुए कहा कि हमें और देश को यह न्यू इंडिया नहीं चाहिए, हमें आप हमारा पुराना भारत लौटा दो।
बता दें कि कल राज्यसभा में अमित शाह का पहला भाषण था इस दौरान भी काफी गहमागहमी रही। अमित शाह के भाषण के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने उन्हीं की भाषा में उन्हें जवाब दिया था। गुलाम नबी आजाद ने सरकार द्वारा गिनाई जा रही उपलब्धियों को सिरे से खारिज करके उस पर जनता से झूठे वादे करने, जुमला गढ़ने, सपने दिखाने का आरोप लगाया।
गुलाम नबी आजाद ने बिना नाम लिए कहा कि अमित शाह अपने संबोधन में जिस वंशवाद और एक परिवार के 55 साल तक शासन की बात कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि 25-30 साल में इस परिवार का कोई व्यक्ति न तो देश का प्रधानमंत्री बना है और न ही मंत्री। ऐसे में उन्होंने किस वंशवाद से निजात दिलाई? आजाद ने नेहरु-गांधी परिवार से भाजपा के डर का तंज कसते हुए कहा कि आपके (भाजपा) भीतर जो डर बैठा हुआ है और उससे भाजपा नेताओं को नींद नहीं आ रही है, तो उसका कांग्रेस पार्टी क्या करें?
जातिवाद के अमित शाह के वक्तव्य पर भी आजाद ने तंज कसा। उन्होंने इसके लिए भाजपा की बंटवारे की राजनीति को भी हाशिए पर लिया। तुष्टीकरण को लेकर भी आजाद ने कहा कि आज पूरे देश में एक ही पार्टी के लोगों को काम, रोजगार, नौकरी, हक सब मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए ऐसी भयानक पहल इससे पहले कभी नहीं हुई थी।
एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘जिस तरीके से राज्यसभा की कार्यवाही चलाई जा रही है, उसमें विपक्षी दलों की आवाज को दबाया जा रहा है। हम यहां लोगों की आवाज भी उठाने आए हैं। अगर हमें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा तो संसद का क्या मतलब रह जाएगा।’