मृत्युंजय कुमार / पेइचिंग । मालदीव में जारी राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए चीन भारत के संपर्क में है। चीन ने कहा कि वह इस मसले पर भारत के साथ एक और टकराव नहीं चाहता है। चीन के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि मालदीव अपने आंतरिक संकट को सुलझाने में खुद सक्षम है और किसी भी बाहरी पक्ष को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। इस बीच पेइचिंग ने नई दिल्ली से भी इस मसले के हल के लिए संपर्क किया है।
मालदीव के संकट को हल करने के लिए भारत की स्पेशल फोर्सेज के तैयार होने की खबरों के बाद चीन ने बाहरी दखल न दिए जाने की बात कही थी। चीनी सूत्रों ने कहा कि मालदीव संकट को चीन भारत के साथ टकराव का एक और मसला नहीं बनाना चाहता। पिछले साल भूटान, भारत और चीन की सीमा पर स्थित डोकलाम पठार को लेकर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। इसके अलावा पाकिस्तान स्थित खूंखार आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कराने के भारत के प्रयास में चीनी अड़ंगे के भी संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
मालदीव संकट को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और डॉनल्ड ट्रंप के बीच बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि किसी बाहरी पक्ष को इस मसले में दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मालदीव की मौजूदा स्थिति वहां का आंतरिक मामला है। इसे बातचीत के जरिए सभी संबंधित पक्षों को सही ढंग से हल करना चाहिए।’
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश के वित्त मंत्री मोहम्मद सईद को अपने विशेष दूत के तौर पर चीन भेजा है। वहीं, मालदीव के दूत के दौरे के लिए भारत की ओर से तारीख ही नहीं मिल सकती। मालदीव के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति यामीन विदेश मंत्री को अपने दूत के तौर पर भेजने वाले थे।