जनजीवन ब्यूरो / मेरठ । गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि दलित-मुस्लिम अगर एक हो जाएं, तब न तो योगी यूपी के सीएम फिर से बनेंगे और न 2019 में मोदी देश के पीएम बन पाएंगे। यूपी आए मेवाणी ने कहा कि जितना संविधान को खतरा आज है उतना कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि दलितों और मुसलमानों को समझने की जरूरत है मेवाणी ने युवाओं से अपील की है अगर एक अप्रैल तक चंद्रशेखर को रिहा नहीं किया जाता है, तो 14 अप्रैल को सीएम योगी के काफिले को रोकने के साथ ही आंबेडकर की प्रतिमा को हाथ मत लगाने दें।
आज चौधरी चरण सिंह पार्क में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर की रिहाई की मांग के लिए आयोजित जनसभा में दलित नेताओं ने भी शिरकत की। मेवाणी ने कासगंज हिंसा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कासगंज दंगे में 80 फीसद से ज्यादा बेगुनाह दलित, अति पिछड़े और मुस्लिमों को गिरफ्तार किया किया। योगी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गुजरात मॉडल से घटिया योगी मॉडल है। मेवाणी ने कहा कि यूपी में रहना होगा, तो योगी-योगी कहना होगा के नारे लगाने वालों सुन लो, चंद दिन बाद योगीजी अगर तुम्हें भी यूपी में रहना होगा, तो संविधान-संविधान कहना होगा।
जिग्नेश ने कहा कि गुजरात के सीएम, यूपी के सीएम, अमित शाह और मोदी हमें चुनाव हराने आए लेकिन फिर भी वह 20 हजार वोटों से जीते। इसी तरह अगर यहां के दलित और मुसलमान एक हो जाएं, तब न तो योगी दोबारा सीएम बनेंगे और न मोदी 2019 में पीएम बन पाएंगे। जिग्नेश ने कहा, ‘दलित-मुस्लिम, किसान-मजदूर, शोषित-पीड़ित, अबलाएं एक हो जाओ। जिस तरह का देश में माहौल है, उससे संविधान को सबसे ज्यादा खतरा है।’
उहोंने आरोप लगाया कि मंहगाई, भ्रष्टाचार और किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए गाय माता की बात की जाती है। जब आम आदमी रोटी, कपड़ा और मकान की बात करता है, तब केंद्र की सरकार घर वापसी, लव जिहाद का मुद्दा उछालती है। जिग्नेश ने पीएम से अपील की है कि सबको छोड़ दें और सिर्फ बीजेपी, आरएसएस और एबीवीपी के बेरोजगार लोगों को ही रोजगार दिला दें। मेवाणी ने कहा, ‘चार साल में आठ करोड़ रोजगार देने थे, आठ हजार को भी नहीं दे पाए। पाक से मोदी का मैच फिक्स हैं। दोनों देश जनता का ध्यान भटकाने के लिए तनाव पैदा करने का दिखावा करते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो चलो हमला करो।’
उन्होंने कहा कि अगर गुजरात में दलितों को आवंटित जमीन पर वहां की सरकार एक अप्रैल तक कब्जा नहीं दिला पाई, तब वह बड़ा आंदोलन करेंगे। इसी तरह अगर यूपी सरकार एक अप्रैल तक चंद्रशेखर को रिहा नहीं करती है, तब यहां भी आंदोलन किया जाए। दोनों जगह वादे पूरे नहीं होने पर सीएम रुपाणी और योगी की कार के आगे लोग लेट जाएं। उन्हें दोनों प्रदेश में कभी भी डॉक्टर आंबेडकर की प्रतिमा को छूने तक नहीं दें।