जनजीवन ब्यूरो / लंदन । भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटिश हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। यह मामला माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ा है। इसमें अदालत ने माल्या को सिंगापुर की कंपनी बीओसी एविएशन को हर्जाने के रूप में 9 करोड़ डॉलर (करीब 580 करोड़ रुपये) की राशि अदा करने का आदेश दिया है।
भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने वाले 62 वर्षीय माल्या के खिलाफ लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रत्यर्पण का भी मामला चल रहा है। इसकी सुनवाई 16 मार्च को होनी है। मामला 2014 का है।
किंगफिशर एयरलाइंस ने 2014 में बीओसी एविएशन से चार विमान लीज पर लेने का अनुबंध किया था। बीओसी एविएशन ने तीन विमान दे भी दिए थे। लेकिन किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से पुराना बकाया नहीं चुकाने की वजह से एविएशन कंपनी ने चौथे विमान की डिलीवरी रोक दी थी। अनुबंध के तहत किंगफिशर को पुराना बकाया और अग्रिम राशि दोनों चुकानी थीं। बाद में किंगफिशर एयरलाइंस बंद हो गई और बीओसी एविएशन का बकाया नहीं चुकाया जा सका। बीओसी एविएशन का आरोप है कि माल्या ने लीज अनुबंध का उल्लंघन किया है। साथ ही अनुबंध के तहत जो सिक्यूरिटी डिपॉजिट जमा किया था, वह भी किंगफिशर के बकाया को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था।
लीज समझौते के अनुसार किंगफिशर को पुराने बकाये के साथ ही एडवांस का भी भुगतान करना था। बाद में किंगफिशर बंद ही हो गई। बीओसी ने किंगफिशर के खिलाफ लंदन कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट ने 5 फरवरी को अपना फैसला सुनाया। फैसले पर बीओसी एविएशन ने खुशी जताई है लेकिन अन्य कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इस बकाये के खिलाफ बीओसी एविएशन सिंगापुर और बीओसी एविएशन (आयरलैंड) लिमिटेड ने कारोबार और संपत्ति से जुड़े लंदन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एविशएशन कंपनी ने अपनी अर्जी में किंगफिशर एयरलांइस और उसकी पैरेंट कंपनी यूनाइटेड बे्रवरीज को पार्टी बनाया। 5 फरवरी को हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पीकेन ने अपने आदेश में साफ कहा कि हर्जाने के खिलाफ बचाव पक्ष अपनी दलीलें साबित नहीं कर पाया है। लिहाजा, उन्होंने ब्याज सहित बकाया राशि और कानूनी खर्च बीओसी एविऐशन को अदा करने का आदेश दिया।