जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दिल्ली की सड़कों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले शख्स को जनता ने भरपूर समर्थन दिया। प्रचंड बहुमत के साथ वो दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए। रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने कहा था कि दिल्ली के लोगों की सेवा करना ही उनका धर्म है और उस धर्म को निभाने के लिए वो सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे। लेकिन शायद ही ऐसा कोई मौका रहा हो जब अपने विरोधियों को कोसा न हो। उनके विधायकों पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं तो भाजपा दोषी, विधायक अयोग्य होते हैं तो पीएम मोदी जिम्मेदार, दिल्ली में नागरिक सेवा में कोई परेशानी तो नगर निगम जिम्मेदार यानि कि हर किसी समस्या के लिए दूसरे जिम्मेदार। आज दिल्ली सरकार तीन साल पूरे होने पर कामयाबियों का बखान कर रही है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को हर एक समस्या के लिए पीएम मोदी नजर आते रहे हैं। लेकिन अब वो खामोश रहने लगे हैं। ट्विटर पर केजरीवाल के करीब 1 करोड़ तीस लाख फॉलोवर हैं। लेकिन आप को जानकर आश्चर्य होगा कि पिछले 11 महीनों में उन्होंने एक भी बार मोदी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। पीएम मोदी के संबंध उनका आखिरी ट्वीट 9 मार्च 2017 का है 2016 में उन्होंने 124 बार मोदी शब्द का इस्तेमाल किया था। जबकि 9 मार्च 2017 से पहले सिर्फ 33 बार मोदी शब्द का इस्तेमाल किया।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर आप ध्यान से देखें तो केजरीवाल, पीएम मोदी के बारे में ट्वीट में कहते थे कि दिल्ली में मोदी ने आपातकाल लगा दिया है, मोदी सरकार तानाशाह है, क्या मोदी सरकार सेना की विरोधी नहीं है इन सबका असर ये हुआ कि आप को पहले पंजाब और गोवा में और बाद में दिल्ली नगर निगम में करारी हार का सामना करना पड़ा इसके साथ ही राजौरी गार्डेन के उपचुनाव में हार मिली। इसी तरह से 2017 से लेकर 2018 में आज की तारीख तक उन्होंने मोदी को टैग भी नहीं किया है। जबकि 2016 में आठ बार पीएम मोदी को टैग किया था।
सरकारी विज्ञापन को लेकर हुआ विवाद
केजरीवाल सरकार के विज्ञापन में सब कुछ सही है लेकिन एक लाइन ने पूरे मामले को खराब कर दिया। विज्ञापन में केजरीवाल सरकार की तारीफ कुछ इस तरह की गई है। “ वो कहते हैं जब आप सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सभी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं ’’। इस लाइन के जरिए अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार दुश्वारियों को बयां कर रहे हैं। इस लाइन पर कुछ अधिकारियों की तरफ से ऐतराज किया गया।
विज्ञापन की शुरुआत कुछ इस तरह होती है, ”तीन साल हुआ कमाल बदले स्कूल, बदले अस्पताल, बदला बिजली, पानी का हाल”। इसके साथ ही ये भी बताया गया है कि किस तरह से पिछले तीन साल में भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आई है। लोगों के पैसों को सड़क, पानी और बिजली में खर्च किया जा रहा है। इसके साथ ही वो बताते हैं कि किस तरह से उनकी राह में कांटे बिछाए गए जिसका उन्होंने बखूबी सामना किया। ये बात अलग है कि आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा अपनी सरकार को कुछ यूं कोसते हैं।