जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पीएनबी घोटाले में हुए करीब 11500 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का असर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक पर भी पड़ेगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने पीएनबी द्वारा जारी किए गए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के आधार पर क्रेडिट की पेशकश की थी।
इस पूरे मामले की जड़ मे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी एलओयू शामिल है। यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक खातेदार को पैसा मुहैया करा देते हैं। अब यदि खातेदार डिफॉल्ट कर जाता है तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित बैंक को बकाए का भुगतान करे। माना जा रहा है कि पीएनबी के मामले में संदिग्ध लेन-देन बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के जरिए हुआ। खबरें हैं कि शक के आधार पर पीएनबी ने अपने 10 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। पीएनबी ने सीबीआई को बताया कि आरोपी को पहला एलओयू 16 जनवरी को जारी किया गया था।
कई कंपनियां जांच के घेरे में
यह घोटाला कथित रूप से हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने किया है। इस घोटाले में कई बड़ी आभूषण कंपनियां मसलन गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगांठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं।’ इन कंपनियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय से सख्त निर्देश है कि कोई बड़ी मछली बचने न पाए और ईमानदार करदाता को किसी तरह की परेशानी न हो।
अधिकारी ने कहा कि बैंक अब अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं की जांच कर रहे हैं ताकि इस तरह का घोटाले की पुनरावृत्ति न हो। सभी बैंकों से जल्द से जल्द स्थिति रिपोर्ट देने को कहा गया है। वर्ष 2015 में बैंक आफ बड़ौदा में भी दिल्ली के दो कारोबारियों द्वारा 6,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। पीएनबी ने बयान में कहा कि उसकी मुंबई की एक शाखा में इस तरह के धोखाधड़ी के लेनदेन हुए जिसका फायदा कुछ चुनिंदा खाताधारकों को मिला है। ये लेनदेन मोदी के भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चिनूभाई चोकसी ने किए हैं जिनके आधार पर अन्य बैंकों ने विदेश में ग्राहकों को कर्ज दिया। मोदी के आभूषण दुनिया भर की हस्तियों में काफी लोकप्रिय हैं। उनके खिलाफ नए सिरे से सीबीआई जांच हो सकती है।