जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को परीक्षा का प्रधानमंत्री ने अच्छा पाठ पढ़ाया होता, अगर उनसे छोटे मोदी के लूट की भी चर्चा कर देते। उनका इशारा पीएनबी घोटले के आरोपी नीरव मोदी को लेकर था। कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा कि पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड मामले में 30000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है । कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि इसके कारण अब तक 7000 हजार करोड़ के शेयर गिर चुके हैं।’
उन्होंने आगे बताया ‘पीएनबी शेयर में सरकार का हिस्सा 57 फीसदी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने माना है कि मामले में अबतक 293 लैटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) जारी किए जा चुके थे। सरकार को इस घोटाले की जानकारी मई 2015 से ही थी।’
पीएम ऑफिस, ईडी, सेबी, गुजरात और महाराष्ट्र सरकार को 7 मई को हुए घोटाले के बारे में जानकारी थी। तब ये लोग क्या कर रहे थे? 7 मई 2015 को वैभव नाम के एक व्यक्ति ने पीएम कार्यालय को इस घोटाले की जानकारी दी थी। इसके सभी लिखित प्रमाण भी उपलब्ध हैं।
कांग्रेस ने दिग्विजय जडेजा नाम के एक व्यक्ति ने 20 जुलाई को कहा कि यह देश छोड़ कर भाग सकते हैं। 2015 से 2017 के बीच पीएम ऑफिस और ईडी दोनों को इस घोटाले के बारे में जानकारी थी। लगता है कि मेहुल को पीएम नजदीक से जानते हैं। सुरजेवाला ने पीएम की बात करते हूए पीएम के साथ मेहुल के वीडियो को भी दिखाया।
सुरजेवाला ने मोदी सरकार के नए शब्द ‘उड़ान’ का मतलब भी बताया। उन्होंने कहा ‘उड़ान’ का मतलब कोई भी घोटालेबाज भाग सकता है और अनियंत्रित उड़ सकता है।
कांग्रेस के दावे पर भाजपा ने पलटवार करते हुए इसे एकबार फिर से यूपीए सरकार के कार्यकाल का घोटाला करार दिया। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ‘घोटाला 2011 से चल रहा था। यूपीए के दौरान घोटाले की भनक क्यों नहीं लगी। एनडीए की चौकसी के बाद मामला पूरी तरह सामने आया।’
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ‘ये बैंक का घोटाला है सरकार का नहीं। बैंक और सरकार के घोटाले में फर्क समझें। बैंक ने गलत कर्ज दिया लेकिन सरकार ने अपनी जगह सही कार्रवाई की है।’
गौरतलब है कि कारोबारी नीरव मोदी पर करीब 114 अरब रुपये के घोटाले का आरोप लगा है और बताया जा रहा है कि 17 बैंकों में लगभग 3 हजार करोड़ रुपये का और भी घपला किया गया है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि इन रुपयों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया होगा।