जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव लड़ने वालों को अपनी पत्नी और बेटे-बेटियों की आमदनी के स्रोत की भी जानकारी देनी होगी। गैर-सरकारी संस्था लोक प्रहरी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव नामांकन के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को चल-अचल संपत्ति के साथ कमार्इ के स्त्राेत का भी खुलासा करने के आदेश दिये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह फैसला सभी चुनावों में लागू होगा।
लोक प्रहरी ने याचिका दाखिल कर कहा था कि चुनाव सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सरकार और आयोग को आदेश दे कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी अपनी और अपने परिवार की आय के स्रोत का खुलासा भी करें। हालांकि, मौजूदा नियमों के अनुसार, चुनावों में नामांकन के दौरान उम्मीदवार चुनाव आयोग को अपनी, अपने जीवनसाथी और आश्रितों की चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा देता है, लेकिन आमदनी का स्त्रोत नहीं बताता है।
इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सांसद और विधायकों की संपत्ति में 500 गुना बढ़ोतरी को लेकर सुनवाई करते हुए सवाल पूछा था कि अगर सांसद और विधायक ये बता भी दें कि उनकी आय और संपत्ति में इतनी तेजी से बढ़ोतरी किसी कारोबार से हुई, तो भी ये सवाल उठता है कि सांसद और विधायक होते हुए आप कोई भी कारोबार कैसे कर सकते हैं?
बता दें कि सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में कहा था कि लोकसभा के 26 और राज्यसभा के 11 सांसदों और 257 विधायकों ने आय से अधिक संपत्ति बनायी है। सीबीडीटी ने बताया कि इस मामले की जांच आयकर विभाग ने की है और शुरुआती तौर पर लोकसभा के 26 में 7 सांसदों के बेहिसाब संपत्ति बनाने का पता चला है।