जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। सीबीआई ने पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले में एफआईआर दर्ज किया है। सीबीआई ने एफआईआर में कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के राज में 5000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। सीबीआई के इस एफआईआऱ के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और आक्रामक होगी।
मोदी सरकार और पूरी बीजेपी अपने आपको साफ सुथरी छवि का दावा करती रही है। मोदी ने ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा का दंभ भरते रहे हैं। लेकिन पीएनबी घोटाले के बाद उनका ये दावा खोखला ही साबित हुआ। पीएनबी घोटाले के लिए अबतक बीजेपी इस घोटाले के लिए मनमोहन सिंह की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही थी। इस घोटाले में रत्न व आभूषण के प्रसिद्ध कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े हुए हैं जिनके खिलाफ पीएनबी ने एक पखवाड़े पहले 280 करोड़ रुपये के फ्राड का आरोप लगाते हुए जांच सीबीआइ को सौंपी है।
पीएनबी की तरफ से इस सूचना के आने के साथ ही वित्त मंत्रालय और पूरे बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। वित्त मंत्रालय ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। वित्त मंत्रालय के बैंकिंग विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन के मुताबिक, ‘यह एक बड़ा मामला नहीं है और ऐसी स्थिति नहीं है जिसे कहा जाए कि हालात काबू में नहीं है।’ लेकिन वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी इस बात से चिंतित है कि इसके तार कुछ दूसरे सरकारों से भी जुड़े हुए हैं। यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने भी पीएनबी की तरफ से गड़बडी करने वाले खाताधारकों को जारी आशय पत्र (एलओयू) के आधार पर कर्ज दिए हैं। ऐसे में जांच के दायरे मे ये बैंक भी आएंगे। एलओयू एक बैंक शाखा की तरफ से दूसरे बैंक शाखा को जारी एक ऐसा प्रपत्र है जो निश्चित खाताधारकों के पक्ष में दी गई एक गारंटी होती है। इसके आधार पर दूसरे जगह स्थित बैंक शाखा उस ग्राहक को कर्ज की सुविधा देती है।
आरबीआइ ने जब पीएनबी से जबाव तलब किया तो उसके पास इसे सार्वजनिक करने और मामला की जांच करवाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। इसी क्रम में दूसरे मामले भी सामने आये। साथ ही यह पता भी लगाया जा रहा है कि क्या दूसरे बैंक शाखाओं में भी एलओयू जारी करने का यह धंधा चल रहा है क्या। जानकारों की मानें तो बैंक अनाधिकृत तौर पर आयातकों के साथ मिल कर यह काम खूब करते हैं और इसे परोक्ष तौर पर उन्हें शीर्ष अधिकारियों से अनुमति होती है। पीएनबी ने इस मामले में अपने दस कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है। घोटाले के सामने आने के बाद शेयर बाजार में पीएनबी के शेयरों की कीमत 10 फीसद गिर गई। दूसरे बैंकों के शेयरों ने भी खूब गोता लगाया है।