जनजीवन ब्यरो
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के देश में दोबारा आपातकाल की आशंका को लेकर भय प्रकट किए जाने के बाद विपक्षी दलों के ललितगेट मामले में और भी ताकत मिल गई। विपक्षी दलों ने कहा कि आडवाणी ने प्रधानमंत्री में ‘अविश्वास’ प्रकट किया है। ललितगेट मामले को लेकर भाजपा और मोदी सरकार के चुप्पी पर विपक्षी दलों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हटाने की मांग करते हुए नए सिरे से हमला बोला है। ललित मोदी प्रकरण से सरकार की छवि को धक्का लग रहा है और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्ग मोदी ने साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में आधिकारिक बैठक के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा की है।
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व भले ही चुप्पी साध रखी है, लेकिन राजस्थान के मंत्री राजेंद्ग राठौड़ ने दावा किया कि भाजपा आलाकमान और केंद्ग सरकार वसुंधरा के साथ हैं और मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। बहरहाल, राजस्थान भाजपा के नेता कह रहे हैं कि अपनी कंपनी में ललित मोदी की ओर से निवेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण देने की जिम्मेदारी वसुंधरा के बेटे दुष्यंत की है।
कांग्रेस ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ललितगेट मामले पर उनकी चुप्पी को लेकर निशाना साधा और कहा कि उन्हें अपने ध्यान से बाहर आना चाहिए और जवाब देना चाहिए कि क्या सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे ने उनकी सहमति से घोटाले के दागी आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद की थी।
कांग्रेस प्रवक्ता टाम वडक्कन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आडवाणी ने कहा है कि वह नेतृत्व के प्रति आश्वस्त नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अविश्वास जताया है। गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है। वडक्कन ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह जवाब देना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री ने जिस तरह से काम किया ऐसा उन्होंने उनकी सहमति से किया। क्या विदेशमंत्री ने जो किया वह उनकी सहमति से किया। क्या दूसरे लोग भी इसमें शामिल थे प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। उन्हें अपनी राजनीतिक विपासना से बाहर आना चाहिए।
वसुंधरा राजे के बेटे की ललित मोदी के साथ व्यापारिक साझेदारी से संबंधित खबरों के बारे में वडक्कन ने कहा कि संबंध काफी समय से हैं मामले की जांच किये जाने की जरुरत है। कांग्रेस की राजस्थान इकाई ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्ती.फे की मांग को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों के हर कदम से अवगत रहते हैं। उन्होंने कहा कि कोई मंत्री क्या खाता है, पीता है, कहां जाता है, प्रधानमंत्री सब कुछ जानते हैं। लेकिन जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ललित मोदी के यात्रा दस्तावेज पर ब्रिटेन के अधिकारियों से बात कर रही थीं तो उन्हें पता नहीं था।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की इमरजेंसी संबंधी टिप्पणी का समर्थन करते हुए आज कहा कि बिहार ऐसी स्थिति का हर दिन सामना कर रहा है। पटना में आयोजित कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण समागम कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नीतीश ने आज संवाददाताओं से कहा ‘‘आडवाणी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी चिंता को गंभीरता के साथ लिया जाना चाहिए। जहां तक इमरजेंसी जैसी स्थिति का प्रश्न है, तो हम यहां हर दिन ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।’’
उधर, केंद्र के साथ विभिन्न मुद्दों पर टकराव की स्थिति का सामना कर रहे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के उस बयान से सहमति व्यक्त की कि देश में इमरजेंसी लगने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता, साथ ही संदेह व्यक्त किया कि क्या दिल्ली में इसका पहला प्रयोग होगा।
केजरीवाल ने ट्विट किया, ‘‘ आडवाणीजी सही कहते हैं कि इमरजेंसी को खारिज नहीं किया जा सकता। क्या दिल्ली प्रथम प्रयोग होगा ? ’’ उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग एवं केंद्र के बीच शीर्ष अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति तथा दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकार के विषय पर खींचतान की स्थिति बनी हुई है।
राजनीतिक हलकों में ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि आडवाणी की टिप्पणी पीएम नरेन्द्र मोदी को लक्ष्य करके कही गई है।
आप नेता आशुतोष ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता की टिप्पणी मोदी की राजनीति पर अभियोग है. आशुतोष ने ट्विट किया, ‘‘ आडवाणी का साक्षात्कार मोदी की राजनीति पर पहला अभियोग है। वह कहते हैं कि मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, इमरजेंसी दूर नहीं है।’’
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