जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 59 सीटों पर रविवार को हुए मतदान में 74 फीसदी लोगों ने हिस्सा लिया जबकि 26 फीसदी लोग इससे दूर रहे। लगभग 10 घंटे तक चले मतदान का परिणाम मार्च में सामने आएंगे। 3,214 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग हुई। बता दें कि यहां वाम दल पिछले 25 सालों से राज्य में सत्ता पर काबिज है।
शाम 4 बजे तक 74 फीसदी वोटिंग।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में दोपहर 3 बजे तक लगभग 65 फीसदी वोटिंग हुई।
दोपहर 1 बजे तक लगभग 46 फीसदी वोटिंग हुई।
सुबह 11 बजे 23.25 फीसदी वोट डाले गए।
सुबह 9 बजे 11 फीसदी वोट डाले जा चुके हैं।
दक्षिणी त्रिपुरा में कई ईवीएम काम नहीं कर रहे हैं। अगरतला के बिजय कुमारी स्कूल और हरि गंगा स्कूल में ईवीएम नहीं चल रही है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने अगरतला के पोलिंग बूथ पर डाला वोट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुबह ही ट्वीट कर त्रिपुरा के लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की है।
60 से 59 सीटों पर चुनाव
त्रिपुरा में रविवार को 60 में से 59 सीटों पर चुनाव होने हैं। सीपीएम प्रत्याशी रामेंद्र नारायण के निधन के कारण चारीलाम विधानसभा सीट पर अब 12 मार्च को मतदान होगा। चुनाव में राजनीतिक दलों की निगाहें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 20 सीटों पर हैं।
चुनाव के मैदान में हैं 307 उम्मीदवार
इस बार कुल मिलाकर 307 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। सीपीएम 57 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है जबकि अन्य वाम मोर्चे के घटक, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और सीपीआई, प्रत्येक एक सीट पर हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जनजातीय संगठन देशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है, जिसमें 51 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। आईपीएफटी शेष 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस इस बार त्रिपुरा में अकेले 59 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गोमती जिले के ककरबोन निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार को नहीं चुना है।