जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। भाजपा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और वरिष्ठ पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी के बाद मार्गदर्शक मंडल के दूसरे सदस्य डॉ.मुरली मनोहर जोशी की सक्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जोशी गुरुवार को देर शाम ललितगेट कांड में फंसी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के घर पहुंचे और काफी समय तक गुफ्तगू करते रहे । इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। इससे पहले आडवाणी ने एक इंटरव्यू में देश में फिर से इमरजेंसी के हालात बनने की आशंका से इनकार नहीं किया। उनके बयान को विपक्ष मोदी सरकार के कामकाज से जोड़कर देख रहा है। सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी को आडवाणी खेमे का माना जाता है।
बताया जाता है कि जोशी और सुषमा की मुलाकात में नरेंद्र मोदी के तौर तरीके पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात से राजनीति में नया तूफान भी आ सकता है। मोदी के साथ जोशी का 36 का आंकड़ा है। जोशी को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रिमंडल में जरुर स्थान दिया जाएगा लेकिन मोदी ने आडवाणी और जोशी को किनारे लगाकर अपने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया था। इसलिए अवसर मिलने पर जोशी अपनी बेइज्जती का बदला लेने से नहीं चूकेंगे।