जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराने में कामयाबी पाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक जीवन में रविवार को एक और अध्याय जोड़ने में सफल हो सकते हैं। मोदी की योजना है कि योग दिवस को दुनिया के इतिहास में वह स्थान मिले जो अबतक किसी भी तकनीक को नहीं मिला है। माना जा रहा है कि रविवार को ऐतिहासिक राजपथ से लेकर गांव गांव तक योग का अलख जगाने में मोदी सफल हो पाएंगे। यदि मोदी इस योजना में सफल हो जाते हैं तो उनके विरोधियों को झटका लगेगा,क्योंकि पिछले कुछ समय से विरोधी दल कई मुद्दों को लेकर मोदी को घेरने में जुटे हुए हैं।
सरकार की योजना है कि दिल्ली के राजपथ पर रविवार की सुबह 35 मिनट तक 35,००० लोग गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए योग करें। गिनीज के अधिकारियों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया गया है ताकि वे एक ही जगह पर सबसे बड़ी योग कक्षा का रिकॉर्ड बनते देखें। पहले से ही भारतीयों के नाम योग से जुड़े कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं,मसलन सबसे बड़ी योग कक्षा, लंबी योग श्रृंखला, सबसे लंबे समय तक योग, विभिन्न जगहों पर लंबे समय तक चलने वाली योग कक्षा।
दरअसल यह आयोजन शहरीभारतीयों को स्वस्थ रहने की जरूरत को याद दिलाता है। डॉक्टरों का कहना है कि भारत के शहरों में डायबिटी.ज और दिल की बीमारी बढ़ रही है। एक नए शोध के मुताबिक, साल 199० और 2०13 के बीच भारत में डायबिटीज की दर 123 फीसदी तक बढ़ी है, जबकि दुनिया में यह दर 45 फीसदी है। मैक्स बालाजी हास्पिटल के कार्डिएक कैथ लैब के प्रमुख डॉ मनोज कुमार की माने तो योगा से न सिर्फ दिल की बीमारी को होने से रोका जा सकता है बल्कि दिल के मरीजों की दवा की खुराक को भी कम किया जा सकता है। चार में से एक भारतीय की मौत दिल की बीमारी से होती है. लोगों में मोटापा बढ़ रहा है। मध्य वर्ग का दायरा और उनकी हैसियत बढ़ रही है, ऐसे में शहरी क्षेत्रों में । ज्यादातर लोगों का काम और जिंदगी एक ही ढर्रे में तब्दील हो रही है। लोग पैदल चलना जरुरी नहीं समझते हैं। साथ ही जंक फूड और चिकनाई वाली खाने-पीने की चीजों से गुरेज भी नहीं करते हैं।
योग से अध्यात्म जुड़ा हो या न हो, अगर मोदी योग के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा भारतीय को जोड़ने में कामयाब हो जाते हैं तो यह उनकी और उनकी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धी मानी जाएगी। मोदी इससे पहले झाड़ू लगाकर सफाई का संदेश लोगो तक पहुंचा चुके हैं और उसे एक अच्छी शुरुआत मानी जा रही है। लोगों में साफ सफाई के प्रति जागरूकता आई है।