जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राजपथ पर आयोजित समारोह में 37हजार लोगों की भागीदारी को उत्साहजनक करार देते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड एक प्रतिनिधि ने उम्मीद जताई है कि यह आयोजन विश्व रिकॉर्ड बनेगा। इस भव्य समारोह में स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेटों, सैन्यकर्मियों ने भाग लेकर एक कीर्तिमान रच दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ इस समारोह में भाग लिया और राजपथ पर आसन किए। योग सत्र के आयोजकों ने सबसे बड़ी योग सभा आयोजित करने के गिनीज रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया है।
फिलहाल सबसे बड़ा योग कार्यक्रम आयोजित करने का गिनीज रिकॉर्ड विवेकानंद केंद्र के नाम है। इस केंद्र ने 19 नवंबर, 2005 को ग्वालियर में एक योग कार्यक्रम रखा था, जिसमें 29,973 लोगों ने प्रतिभाग किया था।
आयुष मंत्रालय का लक्ष्य इस समारोह का ‘एक स्थान पर होने वाला सबसे बड़ा योग आयोजन अथवा क्लास तथा एक स्थान पर सबसे बड़ी संख्या में कई देशों के लोगों के भाग लेने के लिए’ के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पंजीकरण करना था। योग दिवस पर हुए आयोजन में समन्वय आयुष मंत्रालय ने किया है।
प्रतिनिधि ने कहा कि विश्व रिकॉर्ड की खातिर नतीजों पर अंतिम फैसला करने के लिए टिकट और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कई मापदंडों की समीक्षा की जाएगी। आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लक्ष्य हालांकि 35,000 लोगों का था, लेकिन मंत्रालय ने समारोह के लिए 37,000 चटाइयां प्रदान कीं और सभी पर लोग मौजूद थे।
अधिकारी ने कहा, मुझे एक अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे लोग इसमें भाग लेने के लिए कतारबद्ध खड़े थे लेकिन वे भाग नहीं ले सके।
राजपथ पर पीएम मोदी के संबोधन की 10 खास बातें
1. क्या कभी किसी ने सोचा होगा कि राजपथ भी योग-पथ बन सकता है
2,संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस संबंधी प्रस्ताव के सह-प्रस्तावक देशों और इस दिवस को मनाने वाले देशों को धन्यवाद
3.योग से आज दुनिया का कोई हिस्सा अछूता नहीं रहेगा
4.योग जीवन की दिनचर्या का हिस्सा है
5.मानव विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, विकास हो रहा है, लेकिन कहीं ऐसा न हो इंसान वहीं का वहीं रह जाए
6.जरूरी है कि मानव का आंतरिक विकास हो। विश्व में मानव विकास में तमाम देशों के लोगों ने योगदान दिया है।
7.हम सभी को शांति के मार्ग पर आगे बढ़ना है
8.ज्यादातर लोग योग को अंग-उपांग मर्दन का काम समझते हैं। यह सही नहीं है, शरीर को मोड़ना योग नहीं है… वरना सरकस में करने वाले योगी कहे जाते
9.जहां सूरज जाएगा, वहां योग अभ्यास मौजूद होगा, ये संदेश आज दुनिया में पहुंच चुका है
10. योग शरीर, मन को संतुलित करने का माध्यम और मानवता, प्रेम, शांति, एकता, सद्भाव के भाव को जीवन में उतारने का कार्यक्रम है
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