अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के सवाल पर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली राजग सरकार से अलग हो गई है लेकिन राजग में बने रहने की घोषणा की गई है। आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के इस कदम से कई तरह के सवाल उठने लाजमी है। सूत्रों के मुताबिक बातचीत के दौरान नायडू ने मोदी को बताया कि आखिर मंत्रियों के इस्तीफे का फैसला उन्हें क्यों लेना पड़ा। माना जा रहा है कि नायडू आंध्र प्रदेश की जनता में अपनी छवि बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
लोगों में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए बृहस्पतिवार को पीएम मोदी से आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की लंबी बातचीत हुई। बातचीत के बाद राजग सरकार में टीडीपी कोटे के दोनों मंत्रियों अशोक गणपतिराजू और वाईएस चौधरी ने पीएम से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बुधवार को टीडीपी द्वारा केंद्र सरकार से अलग होने के फैसले केबाद खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नायडू से बात कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी। नायडू के नहीं मानने पर इस मोर्चे पर राममाधव को लगाया गया।
दोनों को नाकामी हाथ लगने के बाद शाम में खुद पीएम मोदी ने नायडू की नाराजगी दूर करने की कोशिश की। टीडीपी सूत्रों ने बताया कि जेटली की तरह पीएम ने मिल बैठ कर इस समस्या का हल निकालने का आश्वासन दिया। हालांकि नायडू ने अपने फैसले को वापस लेने से इंकार कर दिया।
पीएम-नायडू की बातचीत के आधे घंटे बाद करीब छह बजे टीडीपी कोटे के मंत्रियों ने पीएम से मुलाकात की। दोनों मंत्री करीब दस मिनट तक पीएम के साथ रहे। उसके बाद बाहर आ कर इस्तीफा देने की पुष्टि की।
एक सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि क्योंकि हम बीजेपी से ताल्लुक नहीं रखते हैं कि इसलिए पीएम के स्तर पर किसी प्रकार के समझौते की बात नहीं हुई। हम आंध्र की जनता के साथ हैं। उन्होंने मांग की कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में जो आश्वासन दिया था, उसका पालन होना चाहिए।
यह पूछे जाने पर मुलाकात के दौरान पीएम ने क्या कहा? इस पर चौधरी ने कहा कि पीएम ने हमारे इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और हमने मंत्रिमंडल में काम करने का मौका देने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। चौधरी ने कहा कि हमारे साथ जैसा बर्ताव हुआ, उसे पूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिल में जिस बात का जिक्र है उसे लागू करने में देरी की गई और जो बातें नहीं थी उसे लागू कर दिया गया।
अब तक केंद्र में विज्ञान एवं तकनीकी राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे चौधरी ने इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण अलगाव करार देते हुए कहा कि वह और राजू सांसद के तौर पर आंध्र के लिए काम करते रहेंगे।
सवाल उठता है कि जब मोदी सरकार से टीडीपी कोटे के मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया तो राजग में बने रहने का औचित्य क्या है। दरअसल नायडू जिन वादों के बूते विधानसभा चुनाव में विजय हासिल किया उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण जनता बेहद नाराज हो गई है। उसी नाराजगी से बचने के लिए नायडू ने यह चाल चली है।