जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ । पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा को शनिवार को चंडीगढ़ की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। तारा के वकील सिमरनजीत सिंह ने यह जानकारी दी। तारा को शुक्रवार को अदालत ने इस मामले में दोषी ठहराया था। जगतार सिंह तारा ने कोर्ट से लिखित रूप में कहा था कि निर्दयी व्यक्ति की हत्या से यदि हजारों लोगों की जान बचाई जाती है तो यह गलत नहीं है।
शुक्रवार को इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में तारा के वकील सिमरनजीत सिंह ने बताया था कि जगतार सिंह तारा ने कोर्ट से कहा है कि उन्हें बेअंत सिंह की हत्या पर किसी भी तरह का पछतावा नहीं है। तारा ने यह भी कहा, ‘मैंने सरकार के खिलाफ सिखों की जंग लड़ी है और यह लड़ाई जारी रहेगी।’
बता दें कि तारा ने 1995 में हुई बेअंत सिंह की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली थी। यह कबूलनामा इस वर्ष (2018) के जनवरी माह में अदालत को सौंपा गया था। गौरतलब है कि खालिस्तान टाइगर फोर्स का स्वयंभू कमांडर जगतार सिह तारा 31 अगस्त 1995 को हुई बेअंत सिंह की हत्या का मास्टरमाइंड है। उस दिन चंडीगढ़ में पंजाब सचिवालय के सामने आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था, जिसमें बेअंत सिंह समेत 18 लोगों की मौत हो गई थी। इस हत्याकांड को अंजाम देने के समय जगतार सिंह तारा और दूसरे हत्यारे परमजीत सिंह भ्योरा व जगतार सिंह हवारा बब्बर खालसा के सदस्य थे। बाद में तारा ने खालिस्तान टाइगर फोर्स के नाम से अपना आतंकी संगठन बना लिया था।