जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दूरियां बढ़ती ही जा रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह की हैसियत कहने के लिए तो नम्बर दो की है लेकिन रुतबा नहीं है । परेशानी की बात यह है कि राजनाथ इस बात को खुले तौर पर तो क्या प्रधानमंत्री से निजी रूप से भी नहीं कह पा रहे हैं।
मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने मीडिया के लोगों से अनौपचारिक बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। बताया जाता है कि पिछले डेढ़ दो महीने में नरेन्द्र मोदी मीडिया से पांच दौर की बात हुई हैं। लेकिन जिस जगह यह बात हुई है उसको लेकर राजनाथ को जबरदस्त ऐतराज है। ये पांचों मुलाकातें वित्त मंत्री अरुण जेटली के सरकारी आवास पर हुई हैं। राजनाथ सिंह के करीबियों का कहना है कि कायदे यह मुलाकात या तो रेसकोर्स रोड पर हो या उनके सरकारी आवास पर होनी चाहिए थी।
राजनाथ और जेटली के रिश्ते हमेशा नरम गरम रहे हैं। दोनों के बीच 36 के आंकड़े रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समय दोनों ही नेता नरेन्द्र मोदी के साथ थे इसलिए एक अघोषित समझौता था। सरकार बनने के बाद अब मतभेद बढ़ रहे हैं। राजनाथ सिंह को यह भी बुरा लगता है कि अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री अमित शाह और अरुण जेटली से ही सलाह करते हैं। जेटली राजनाथ के मतभेद सार्वजनिक रूप से भी नजर आते हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष पैकेज की घोषणा के समय जब जेटली से कीर्ति आजाद के बयान पर सवाल पूछा गया तो राजनाथ सिंह के चेहरे की मुस्कुराहट बहुत से लोगों ने नोट की।