जनजीवन ब्यूरो /भरतपुर : MBBS की डिग्री लेकर लोग जहां ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की चाहत रखते हैं वहीं राजस्थान के भरतपुर जिले के गरहाजन गांव की कमां पंचायत की शहनाज खान सरपंच बनकर गांव वालों की सेवा करना मुनासिब समझा। शहनाज सबसे युवा और पहली एमबीबीएस सरपंच बन गई हैं। 24 साल की खान को सरपंच के चुनाव में 195 वोटों से जीत हासिल हुई है। जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा- मैं बहुत खुश हूं कि मुझे अपने लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। मेरी प्राथमिकताएं लड़कियों की पढ़ाई और स्वच्छता होंगी। मैं लड़कियों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहती हूं कि किन-किन तरीकों से शिक्षा हमारी मदद करती है। शहनाज से पहले उनके दादा गांव के सरपंच थे।
पिछले साल अक्टूबर में गरहाजन गांव में होने वाले चुनाव रद्द कर दिए गए थे क्योंकि शहनाज के दादा पर चुनाव के दौरान झूठे शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र देने का आरोप लगा था। इस वजह से उन्होंने इस बार खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। राजस्थान में सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का कम से कम 10वीं पास होना आवश्यक होता है। खान का ताल्लुक राजनीतिक परिवार से है। उनके दादा पिछले 55 सालों से गांव के सरपंच रहे हैं जबकि उनके पिता गांव के मुखिया हैं। वहीं उनकी मां विधायक हैं।
शहनाज ने कहा कि लोग अभी भी अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजते हैं और इसलिए मैं लड़कियों को शिक्षा देने के लिए काम करना चाहती हूं। यह उन सभी पैरैंट्स के लिए उदाहरण होगा जो अपनी बेटियों की पढ़ाई को नजरअंदाज कर देते हैं। खान फिलहाल उत्तर प्रदेश के तीर्थांकर महावीर मेडिकल कॉलेज से MBBS कर रही हैं जहां उनका आखिरी साल चल रहा है। 24 साल की सरपंच ने अपनी ज्यादातर पढ़ाई गुरुग्राम के श्रीराम स्कूल से और 12वीं मारुती कुंज के दिल्ली पब्लिक स्कूल से की है।