जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : राज्यसभा की 59 सीटों पर हुए चुनाव ने संसद के उच्च सदन की तस्वीर को बदल दिया है। राजग ने कांग्रेस पर भारी बढ़त बना ली है, लेकिन इसके बावजूद यह गठबंधन बहुमत से फिलहाल बहुत दूर है। इस चुनाव में भाजपा को 15 अतिरिक्त सीटें हाथ लगी है। जबकि राजग के सदस्यों की संख्या 76 से बढ़ कर 92 हो गई है। हालांकि सीटों का यह आंकड़ा उच्च सदन में बहुमत से 31 सीटें कम है।
सबसे दिलचस्प नजारा उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए जारी चुनाव परिणामों में बीजेपी ने 9 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। इसके साथ ही 10वीं सीट पर लंबे समय तक बरकरार सस्पेंस भी खत्म हो गया है। बीजेपी विपक्षी एकता में सेंध लगाने में कामयाब रही है। वहीं समाजवादी पार्टी (एसपी) ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। यूपी में राज्यसभा की सभी 10 सीटों के लिए नतीजे आने के बाद बीएसपी को तगड़ा झटका लगा है।
यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर बीजेपी की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत जेवीएल नरसिम्हा राव, अनिल जैन, कांता कर्दम, विजय पाल तोमर, डॉ. अशोक वाजपेयी, सकलदीप राजभर, हरनाथ सिंह यादव, अनिल अग्रवाल ने जीत दर्ज की है। वहीं एसपी उम्मीदवार जया बच्चन भी राज्यसभा पहुंच गई हैं। उधर, लंबे समय तक चले सस्पेंस के बाद आखिरकार बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर जीत दर्ज नहीं कर पाए।
जिन 59 सीटों पर चुनाव का ऐलान हुआ था उसमें से 26 सीटों पर उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। शुक्रवार को शेष 33 सीटों में उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की 5, कर्नाटक की 4, तेलंगाना की 3, झारखंड की 2 के साथ छत्तीसगढ़ और केरल की एक-एक सीट के लिए मतदान कराने के बाद नतीजे घोषित किए गए।
इस चुनाव से पहले ही सीटों के मामले में भाजपा से पिछड़ चुकी कांग्रेस और पीछे चली गई है। उच्च सदन में उसके उम्मीदवारों की संख्या 54 से घट कर 45 पर आ गई है।
यूपी-झारखंड में दिलचस्प बनाया मुकाबला
चुनाव में यूपी, झारखंड और कर्नाटक में जम कर क्रॉस वोटिंग हुई। दरअसल यूपी और झारखंड में भाजपा ने अपने अतिरिक्त उम्मीदवार उतार कर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। यूपी में बसपा, सपा और सुहेलदेव पार्टी में क्रॉस वोटिंग हुई। जबकि क्रॉस वोटिंग के कारण झामुमो ने अपने एक विधायक को निलंबित कर दिया।
उच्च सदन में भाजपा की सहुलियत बढ़ी
हालांकि भाजपा और राजग कांग्रेस पर बढ़त बनाने के बावजूद बहुमत हासिल नहीं कर पाई, मगर उच्च सदन में पार्टी पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में आ गई है। पार्टी अन्नाद्रमुक सहित कुछ अन्य कांग्रेस विरोधी दलों को साध कर बिल पारित कराने जैसे कामकाज आसानी से निपटा सकेगी। इस दौरान उसके लिए कांग्रेस को किनारे करना भी अब पहले की तुलना में आसान हो गया है।
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में उत्तर प्रदेश के अलावा कर्नाटक और झारखंड में भी विधायकों ने पाला बदलकर दूसरी पार्टियों के लिए वोट डाले। कर्नाटक में तो विपक्षी दल जनता दल यूनाइटेड (सेक्युलर) ने इन चुनावों को रद्द करने की मांग उठाई है, जबकि झारखंड में झारखंड विकास मोर्चा ने क्रॉस वोटिंग करने वाले अपने एक विधायक को निलंबित कर दिया।
कर्नाटक और झारखंड में क्रॉस वोटिंग
कर्नाटक में राज्य सभा की चार सीटों के लिए मतदान के बाद मिलीभगत को लेकर चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्षी दल जनता दल (एस) ने चुनाव रद्द करने की मांग करते हुए सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर निर्वाचन अधिकारी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। जेडीएस का कहना है कि निर्वाचन अधिकारी ने ‘क्रास वोट’ कर चुके दो कांग्रेसी विधायकों को दोबारा मतदान का मौका दिया।
हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस आरोप को झूठा बताया है। सिद्धरमैया ने कहा कि मतदान से पहले दोनों विधायकों को अपने बैलेट पेपर पर गलती करने का अहसास हुआ था और इसके चलते उन्होंने नियमों के तहत ही नए बैलेट पेपर लेकर मतदान किया। इन चुनावों में 4 सीटों के लिए कांग्रेस ने 3 और भाजपा व जेडीएस ने 1-1 उम्मीदवार उतारा है।
झारखंड में आयोग ने खारिज की आपत्ति
झारखंड में दो सीटों के लिए मतदान को थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा क्योंकि झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जेवीएम के विधायक प्रकाश राम ने वोट देने से पहले पोलिंग एजेंट को मतपत्र नहीं दिखाया था। लेकिन आयोग ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए मतगणना की इजाजत दे दी।
बंगाल से जीते कांग्रेस के सिंघवी
बंगाल, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनाव के नतीजें उम्मीद के मुताबिक ही रहे। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के चार और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी विजयी घोषित किए गए, जबकि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरोज पांडे उच्च सदन के लिए चुन ली गईं। तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस तीनों सीटों पर कब्जा करने में कामयाब रही।
केरल में हुआ उपचुनाव
इन तीन राज्यों सहित पांच प्रदेशों की 15 सीटों पर हुए मतदान में क्षेत्रीय पार्टियों का ही वर्चस्व रहा। द्विवार्षिक चुनाव के अलावा उच्च सदन की केरल की एक सीट पर उपचुनाव का परिणाम जनता दल यूनाइडेट के शरद यादव गुट के एमपी वीरेंद्र कुमार के पक्ष में गया। उन्हें 89 वोट मिले जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को 40 मतों से संतोष करना पड़ा।