जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा कार्यकाल पूरा करने वाले सदस्यों के विदाई समारोह में तंज कसते हुए कहा कि बहुत लोग होंगे जिनकी आखिरी सत्र में इच्छा रही होगी कि ऐतिहासिक निर्णयों में शामिल होकर विदाई लें, लेकिन यह सौभाग्य उन्हें नहीं मिला। सालों बाद यह कमी विदा हो रहे सांसदों को सालती रहेगी। राज्यसभा में बुधवार को सभी सांसद पीएम मोदी को गौर से सुन रहे थे। मौका था संसद के उच्च सदन में कार्यकाल पूरा करने वाले सदस्यों की विदाई का। इस मौके पर पीएम मोदी ने प्रफेसर कुरियन जैसे सदस्यों की विदाई के फेयरवेल संबोधन में जहां उनके कामों को याद किया, वहीं वह हंगामे को लेकर सांसदों को सुना भी गए।
पीएम ने सदस्यों में कुरियन के अलावा दिलीप टर्की और सचिन का जिक्र और कहा कि उनकी कमी सदन में खलेगी। उन्होंने कहा कि प्रफेसर कुरियन और उनकी मुस्कुराहट ने संकट की घड़ी में भी सदन को चलाने में अहम भूमिका निभाई। पीएम ने कहा कि , ‘बहुत लोग होंगे जिनकी आखिरी सत्र में इच्छा रही होगी कि वह कुछ ऐतिहासिक भाषण के साथ विदाई लें, लेकिन जाते-जाते यह सौभाग्य आप लोगों को नहीं मिला। उसके लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। अच्छा तो यह होता कि जाने से पहले आपकी महत्वपूर्ण निर्णयों में भागीदारी रहती। लेकिन उस सौभाग्य से आप वंचित रह गए।’
पीएम मोदी ने कहा कि कल तक लग रहा था कि जाने वाले सदस्यों को अपनी भावनाएं प्रकट करने का मौका नहीं मिल पाएगा। पीएम ने कहा कि इसके लिए चेयरमैन ने काफी मेहनत की, सबको साथ लेने का प्रयास किया। पीएम ने कहा कि इसके बावजूद ऐतिहासिक पलों में हिस्सेदारी निभाने से कुछ सदस्य चूक गए। महत्वपूर्ण निर्णय में जिस योगदान को इतिहास याद रखता है, वह सौभाग्य आपको जाते समय वाला छूट गया है।
पीएम ने ट्रिपल तलाक बिल का जिक्र करते हुए कहा कि ये सदस्य इस ऐतिहासिक निर्णय का हिस्सा नहीं बन पाए। उसकी कुछ न कुछ कसक आज नहीं तो 20-25 साल बाद जरूर रहेगी।