जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । पटियाला हाउस कोर्ट ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ मामला चलाने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि मामला सुनवाई लायक है इसलिए इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने अगली सनवाई की तारीख 28 अगस्त तय किया है। स्मृति पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष पेश हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर गलत जानकारी दी है.
ध्यान रहे कि पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने एक जून को इस मामले में सभी संबंधित पक्षों का दलील सुन ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज उसी मामले में दो बजे फैसला सुनाने वाली है. उनके खिलाफ यह शिकायत अदालत में लेखक अहमर खान ने दायर की थी। उनका आरोप है कि स्मृति ने अलग-अलग जगह अपने शैक्षणिक ब्योरे अलग-अलग दिए।
भारतीय जनता पार्टी की उभरती हुई नेता स्मृति ईरानी को अमेठी से चुनाव हारने के बाद भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसा अहम विभाग दिया गया। विभाग के बंटवारे के बाद ही स्मृति ईरानी की योग्यता पर सवाल खड़े होने लगे । स्मृति ईरानी द्वारा चुनाव आयोग को दिए गये हलफनामें बाहर आये और इन हलफनामों में उनकी अलग- अलग शैक्षणिक योग्यता का जिक्र किया गया था। 16 अप्रैल 2014 क अमेठी लोकसभा सीट से नामांकन के लिए भरे गये। हलफनामे में ईरानी ने कहा, डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बैचलर ऑफ कॉमर्स में पार्ट वन पूरा किया है। इससे पहले उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में दिये गये हलफनामे में 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेसपॉडेंस से बीए की बात कही थी।
इसके अलावा एक और हलफनामा( 11 जुलाई 2011) गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए दिया था जिसमें उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता डीयू के स्कूल आफ कारस्पान्डन्स से बीकाम पार्ट वन की है. अलग- अलग हलफनामों में अलग- अलग जानकारी को लेकर अब स्मृति ईरानी विवादों में है। अगर स्मृति ईरानी के खिलाफ कोर्ट का फैसला आता है, तो उनके अच्छे खासे राजनीतिक करियर पर बट्टा लग जायेगा। केंद्र सरकार सबसे पहले अपने इसी मंत्री को लेकर विवादों में घिरी थी। इनके मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसे अहम पद देने पर भी खूब हंगामा हुआ था। ऐसे में स्मृति पर क्या फैसला आता है इसका इंतजार विरोधियों के साथ- साथ सत्ताधारियों को भी है।