जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । मैसूर के राजेंद्र कलामंदिर में फिर कुछ नेताओं समेत लोगों ने हेगड़े के बयान पर उस वक्त अपना गुस्सा दिखाया जब अमित शाह वहां एक दलित समुदाय से मिलने पहुंचे। संविधान पर टिप्पणी और फिर दलितों के लिए विवादित बयान देने वाले केन्द्रीय मंत्री अंनत कुमार हेगड़े का विरोध लगातार जारी है। अनंत कुमार हेगड़े के विरोध में एक्टर प्रकाश राज के बाद अब उनके बयान पर मैसूर के कुछ स्थानीय नेता नाराज हैं।
अमित शाह यहां चुनाव के मद्देनजर अपना भाषण दे रहे थे कि तभी कुछ विरोधियों ने हेगड़े के बयान के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान शाह को अपना भाषण कुछ देर के लिए बीच में ही रोकना पड़ा। जिसके बाद वहां मौजूदा सुरक्षाकर्मियों ने नारेबाजी कर रहे लोगों को वहां से बाहर कर दिया।
दरअसल, कर्नाटक के संविधान पर टिप्पणी करने के मामले में शनिवार (20 जनवरी) को केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े की कार को रोकने का भी प्रयास किया गया था। राज्य के दलित समूह ने बेल्लारी में केंद्रीय मंत्री का काफिला रोकने का प्रयास कर अपना विरोध जताया था।
गौरतलब है कि दिसंबर महीने में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री ने कर्नाटक में एक सभा में कहा था वह संविधान का सम्मान करते हैं, लेकिन आने वाले दिनों में इसमें बदलाव करना पड़ेगा। 49 वर्षीय हेगड़े ने आगे कहा था कि एक नया चलन शुरू हो गया है, जिसमें लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने की कोशिश करते हैं।
हेगड़े ने दृढ़तापूर्वक कहा कि उन्हें खुशी होती यदि लोग खुद को गर्व से कहते कि वह मुस्लिम हैं या ईसाई हैं या लिंगायत, ब्राह्मण या हिंदू हैं। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी और कई दलित समूहों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था। कर्नाटक में कुछ ही महीने बाद विधानसभा का चुनाव होना है। जिसको लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच में तीखी बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है।