जनजीवन ब्यूरो
जयपुर/नई दिल्ली। ललित मोदी मदद विवाद में फंसी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पद से त्यागपत्र देने से इनकार करने पर भाजपा नेतृत्व कड़े निर्णय लेने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि विधायकों की बैठक कर नए नेता का चुनाव भाजपा करवा सकती है। उधर वसुंधरा राजे के दफ्तर की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि मीडिया में झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं और लोगों को इन खबरों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
राजे के कार्यालय ने उनकी छवि धूमिल करने और राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के लिए अफवाहों के आधार पर झूठी खबरें चलाने को लेकर मीडिया को निशाना बनाया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘110 विधायक राजे के समर्थन में आए’ और ‘वसुंधरा से इस्तीफा मांगा गया’ जैसे टीवी न्यूज हेडलाइनों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने (राजे ने) कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगी।
इसने इन समाचारों का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि ‘यदि मैं हटायी जाती हूं तो पार्टी बड़े संकट में फंस जाएगी- वसुंधरा’ और ‘यदि वसुंधरा हटती हैं तो भाजपा विभाजित हो जाएगी।’ बयान में इन खबरों का भी जिक्र किया गया है जैसे..‘विधायक और मंत्री सीएम आवास में जमा हो रहे’ और ‘राजेन्द्र राठौड़, मेडिकल एवं स्वास्थ्य मंत्री, दिल्ली जा रहे।’ कार्यालय ने कहा कि ये असत्य हैं। ऐसे सभी समाचारों का सत्यापन किया जाए, छानबीन की जाए और पुष्टि की जाए।’
इस्तीफा देने को कहे जाने की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए वसुंधरा के कार्यालय ने इसे ‘असत्य’ करार दिया जबकि मीडिया की खबरों को निराधार बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने दो बयान जारी कर मीडिया में आई खबरों को खारिज किया और इन अटकलों पर विराम लगाया कि उन्होंने अपने खिलाफ कार्रवाई रोकने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने को लेकर भाजपा विधायकों की एक बैठक बुलाई थी।
उल्लेखनीय है कि वसुंधरा के खिलाफ विपक्ष लगातार विरोध प्रदर्शन कर उनके इस्तीफे के लिए दबाव बना रहा है। कांग्रेस के वसुंधरा के दस्तखत वाले कथित गोपनीय दस्तावेज को सामने लाने के बाद उनके लंदन दौरे के दौरान बना एक वीडियो सामने आने के बाद भाजपा पर वसुंधरा पर कार्रवाई करने का दबाव बाढ़ गया है। इस मुद्दे पर भाजपा ने कहा है कि ललित मोदी को भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार कार्रवाई कर रही है।
ललित मोदी विवाद में राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पर कार्रवाई की सुगबुगाहट है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा कागजात की जांच कर रही है। वसुंधरा राजे पर कार्रवाई को लेकर भाजपा में मतभेद सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक एक धड़ा कार्रवाई के पक्ष में है जबिक दूसरा कार्रवाई के खिलाफ है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर बढ़ते इस्तीफे के दबाव के बीच राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष महेश शर्मा ने गुरूवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 25 मिनट तक चली। हालांकि अमित शाह ने साफ़ किया है कि राजस्थान में कोई नेतृत्व परिवर्तन होने नहीं जा रहा है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया पत्रकारों के सवालों से बचती रहीं, जयपुर में सब इंस्पेक्टरों की पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेने आई थी।
हालांकि राजे को संकट में डालने वाले बयान में इस विवाद का कोई जिक्र नहीं किया गया गया है कि राजे ने 2011 में ललित मोदी के कागजात पर हस्ताक्षर किए थे जो गंभीर वित्तीय अपराधों के आरोप में भारत में वांछित हैं।
उनकी चिंताएं बढ़ाते हुए 20 जुलाई 2011 को लंदन में एक रात्रिभोज की तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी, राजे और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की तस्वीरें आज सामने आईं।
अगस्त 2011 में राजे के कथित तौर पर हस्ताक्षर करने से एक महीने पहले यह तस्वीर ली गई थी। इस हस्ताक्षर वाले दस्तावेज से ललित के आव्रजन अपील का समर्थन किया गया था।
भाजपा के ओवरसीज फेंड्र्स द्वारा लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में गए भाजपा शिष्टमंडल में वह शामिल थी। यह संगठन विदेशों में पार्टी का प्रचार करता है और प्रवासी भारतीयों का समर्थन जुटाता है। राजे पूर्व आईपीएल प्रमुख की सहायता के लिए लंदन में कथित तौर पर रूकी थी।
ललित मोदी की मदद किए जाने के मुद्दे पर भाजपा पर हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने कहा कि पार्टी को राजे से इस्तीफा देने को कहना चाहिए क्योंकि यह अब उसका बचाव नहीं कर सकती जिसका बचाव नहीं हो सकता है।
दस्तावेज में हस्ताक्षर के जाली होने के भाजपा के दावे को खारिज करते हुए राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी के लिए यह खोखला तर्क देना संभव है और यदि उन्हें हस्ताक्षरों से इनकार करना था तो उन्हें शायद शुरूआत में ही ऐसा करना चाहिए था।