जनजीवन ब्यूरो / नयी दिल्ली : उज्ज्वला योजना को लेकर नमो ऐप पर लोगों से बातचीत करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना के बारे में संबोधित किया। सरकार के 4 साल पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने एक तरफ मुद्रा योजना का रिपोर्ट कार्ड पेश किया तो दूसरी तरफ लोगों से स्कीम से जुड़ने का भी आह्वान किया। मोदी ने मंगलवार को कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 12 करोड़ लाभार्थियों को छह लाख करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण बांटे हैं. यह कार्य, उनकी सरकार की गैर – वित्तपोषित को वित्तपोषित करने की पहल के तहत किया गया है. मुद्रा ऋण के लाभार्थियों के साथ एक बातचीत में मोदी ने कहा कि इन 12 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 28 प्रतिशत यानी 3.25 करोड़ लोग पहली बार उद्यम शुरु करने वाले लोग हैं.पीएम मोदी ने कहा, ‘जब हुनर को प्रोत्साहन मिलता है तो उसे और बढ़त मिलती है। मान लीजिए किसी हैंडलूम वाले को मुद्रा लोन मिलता है तो वह अपने कारोबार को बढ़ाएगा और डिजाइनर कपड़ो तक का प्रॉडकशन शुरू कर सकता है। मान लीजिए कोई माली दूसरे के बगीचे में काम करता था, उसे यदि मुद्रा योजना जैसी स्कीम से कुछ लाभ मिल जाए तो वह अपनी नर्सरी शुरू कर सकता है।’
पीएम मोदी ने कहा कि इसमें 74% लाभार्थी महिलाएं हैं जो संख्या में करीब नौ करोड़ हैं. 55% ऋण अनुसूचित जाति / जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिये गये हैं. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को की थी. इसका मकसद छोटे और मझोले उद्यमियों को गैर – कारपोरेट और गैर – कृषि काम के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना था.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने न लोन मेलों पर जोर दिया, ना बिचौलिये को जगह दी, देश के नौजवान, माताएं, बहनें जो खुद कुछ कार्य करना चाहते हैं, हमने अपने छोटे उद्यमियों पर उनके बिजनेस स्किल पर भरोसा किया, मुद्रा योजना के तहत उन्हें लोन प्रदान किया गया, तकि वो अपना कारोबार खोल सकें. मुद्रा योजना से ना केवल स्वरोजगार के अवसर बने, बल्कि आज यह और लोगों को रोजगार के अवसर भी दे रहा है, इस योजना की सबसे बड़ी खूबसूरती ही यही है.
इसी बीच योजना के एक लाभार्थी से उसकी सक्सेस स्टोरी सुनने के दौरान पीएम मोदी ने उससे सवाल किया कि क्या वह समय से बैंक का पैसा चुका रहा है? जिसपर लाभार्थी ने जवाब में कहा- हां…. इतना सुनते ही पीएम मोदी ने कहा कि अपने संबोधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मुद्रा स्कीम का लाभ उठाने वाले कुछ लोगों के अनुभव भी सुने। यही नहीं गुजरात के एक लाभार्थी हरिभाई से उन्होंने मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या आप बैंक के समय पर लौटा रहे हैं। इस पर हरिभाई के हां बोलने पर कहा कि यह सबको पता चलना चाहिए कि बड़े लोग तो लोन लेकर भाग जाते हैं, लेकिन गरीब लोग ऐसा नहीं करते।
-मुद्रा योजना का उद्देश्य भारत के छोटे उद्यमियों को व्यापार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कराना है. पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2015 में की थी.
-इस योजना के तहत देशभर में छोटे और मध्यम कारोबार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक के आसान कर्ज बांटे जाते हैं.
-मोदी सरकार का दावा है कि मुद्रा योजना से अभी तक करीब 11 करोड़ लोगों को लाभ मिल चुका है. यहां चर्चा कर दें कि सरकार की ओर से अगस्त 2017 तक जारी आंकड़ों के अनुसार 8.6 करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले चुके थे और करीब 3.72 लाख करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया जा चुका था.