जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बृहस्पतिवार को आरएसएस के नागपुर कार्यालय न जाने की सलाह दी है। रिपुन ने प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने आरएसएस कार्यालय जाने के निर्णय पर एकबार फिर सोचें। रिपुन ने आगे लिखा है कि आप उस संस्था की कांफ्रेस में शामिल होने जा रहे हैं जिस संस्था ने आज तक राष्ट्रीय झंडे तक का आदर नहीं किया है।
उन्होंने आगे राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए लिखा है आरएसएस का आइडिया वन नेशन वन रिलीजन सिर्फ एक दिखावा है। यही नहीं उन्होंने आगे लिखा है कि देश में बढ़ती सामाजिक और धार्मिक असहिष्णुता की बड़ी वजह सिर्फ आरएसएस और उसका एजेंडा है। रिपुन ने कहा है कि आप 7 जून को नागपुर कांफ्रेस में शामिल होने जा रहे हैं और यह हमारी सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव पर असर डालेगा।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जब से आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार किया है तभी से पार्टी दो फाड़ में नजर आ रही है। पार्टी में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली और सुशील शिंदे ने प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय जाने के मामले को सही ठहराया है। दोनों ही नेताओं ने प्रणब का बचाव करते हुए कहा था कि उनका आरएसएस के कार्यक्रम में जाना गलत नहीं है क्योंकि वह एक धर्म निरपेक्ष व्यक्ति होने के साथ बहुत अच्छे विचारक हैं। इन नेताओं ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं।
वैसे अपने इस फैसले पर मुखर्जी चुप्पी तोड़ चुके हैं और कह चुके हैं कि वह अपना जवाब 7 जून को आरएसएस कार्यालय में देंगे। बता दें कि जबसे पूर्व राष्ट्रपति ने संघ के कार्यक्रम में जाने की बात स्वीकार की थी तभी से उन्हें भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें इस मामले में कई चिट्ठियां मिली हैं। कई कॉल भी आए हैं। दरअसल, कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब को चिट्ठी लिखकर और कॉल कर संघ के कार्यक्रम में नहीं जाने की सलाह दी है।
बता दें जयराम रमेश और सीके जाफर शरीफ जैसे कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्रणब मुखर्जी जैसे विद्वान और धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति को संघ के साथ कोई नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए। उनके संघ के कार्यक्रम में जाने से देश के धर्मनिरपेक्ष माहौल पर बुरा असर पड़ेगा। जयराम ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने हमारा मार्गदर्शन किया है। अब ऐसा क्या हो गया कि वह संघ के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर जाएंगे।
हालांकि, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि उन्होंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। लिहाजा, उन्हें कार्यक्रम में जाना ही चाहिए, लेकिन वहां जाकर संघ की विचारधारा में मौजूद खामियों के बारे में बताना चाहिए। दरअसल, प्रणब मुखर्जी को नागपुर के संघ मुख्यालय में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के 7 जून को होने वाले समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।