जनजीवन ब्यूरो / इंदौर : जाने माने आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक कार्यकर्ता भय्यूजी महाराज ने मंगलवार को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली. उन्हें घायल अवस्था में इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई है. खुदकुशी के कारण का पता नहीं चल सका है. भय्यूजी ने पहली पत्नी की मौत के बाद पिछले साल ही दूसरी शादी की थी. अभी ये साफ नहीं है कि उन्हें गोली मारी गई है या फिर ये खुदकुशी की कोशिश है.
पुलिस की फॉरेंसिक टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है. भय्यू जी महाराज को गोली लगने की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में उनके अनुयायी बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंच गए हैं.
अभी पता नहीं चल सका है कि भय्यूजी ने यह कदम किन परिस्थितियों में उठाया. अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. बता दें कि भय्यूजी राजनीति में गहरी पैठ रखते थे. हाल ही में शिवराज सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया था . हालांकि उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि संतों के लिए पद का महत्व नहीं होता. उन्होंने कहा था कि हमारे लिए लोगों की सेवा का महत्व है.
भय्यूजी महाराज को राजनीतिक रूप से ताकतवर संतों में गिना जाता था. उनका असली नाम उदयसिंह देशमुख था और उनके पिता महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं. उनका नाम तब चर्चा में आया था, जब भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे को मनाने के लिए यूपीए सरकार ने उनसे संपर्क किया था.
जवानी के दिनों में सियाराम शूटिंग शर्टिंग के लिए पोस्टर मॉडलिंग करने वाले संत भय्यूजी तलवारबाजी, घुड़सवारी और खेती का काम भी करते थे. मजेदार यह है कि वह फेस रीडर भी थे.