जनजीवन ब्यूरो /पुंछ : राष्ट्रीय राइफल्स के शहीद जवान औरंगजेब का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने जवान को नम आंखों से सलाम भी किया। लोगों की आंखों में जहां जवान को खोने का गम था वहीं रमजान के महीने में किए गए इस जघन्य अपराध के लिए गुस्सा भी था। बता दें कि गुरुवार शाम सेना के जवान औरंगजेब का शव पुलवामा के गूसो इलाके में पाया गया था।
आप चुनाव लड़ो, कुर्सी बचाओ लेकिन आतंकवाद खत्म करवाओ
औरंगजेब के पिता ने कहा कि आप लोग चुनाव लड़ो। आप अपनी कुर्सी बचाओ लेकिन आतंकवाद को खत्म करवाओ। जिससे की हिंदुस्तान फिर सोने का बन सके। रही बात कश्मीर की तो वो हिंदुस्तान का अंग है और रहेगा। अगर दो भाइयों में बाप की जमीन का बंटवारा होता है तो उसके बाद एक भाई दूसरे भाई को अपनी एक इंच जमीन लेने के प्रयास में मार मिटाने को तैयार हो जाता है तो कश्मीर तो हिंदुस्तान का अंग है उसे कोई क्या छीनेगा।
पिता बोले, आतंकवाद से हिंदुस्तान का ज्यादा नुकसान
औरंगजेब के पिता ने कहा कि आतंकवाद ने हम लोगों को बहुत जलील कर दिया है चाहे वह पाकिस्तान हो या कश्मीर। इसे हर जगह से खत्म करना चाहिए। आज मेरे घर में मातम है, लेकिन 2003 से अब तक सैकड़ों घरों में इस प्रकार के हालात होते आए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुस्तान का हुआ है।
औरंगजेब के पिता ने आगे कहा कि हिंदुस्तान इतना बड़ा मुल्क है क्या आतंकवाद को यहां से खत्म नहीं किया जा सकता। अगर नेता लोग चाहें तो क्या इसे खत्म कर सकते हैं। कश्मीर में ही आतंकी ट्रेनिंग होती है। हथियार तो कोई कारपेंटर नहीं बनाता। आतंकवादी मारे जाते हैं हथियार पकड़े जाते। फिर नए आतंकवादी और हथियार कहां से आते हैं। इसके पीछे कई बड़े लोग शामिल हैं। जो आतंकवाद को खत्म नहीं करने देते।
मेरा बेटा अकेले चला गया
मेरे बेटे का समय पूरा हो गया था। मगर मुझे इस बात का दुख है कि वो अकेला चला गया। अपने साथ एक आतंकी को भी ले जाता तो मुझे बड़ी खुशी होती। उन लोगों ने चोरों की तरह हमला किया है अगर वो उसके साथ सामने से लड़ते तो वो उन्हें कभी जिंदा नहीं छोड़ता। उसे तो साजिश के साथ मारा गया है। जो गाड़ी उसे आर्मी कैंप से लाई उसमें एक पोर्टर लेकर आया था। उसका ड्राइवर पोर्टर और न जाने कौन-कौन आतंकियों से मिला हुआ था। जिसने उसे मरवाया है। उसके बारे में बताया गया कि वह घर जा रहा है।
पुलवामा में आतंकियों द्वारा अपहरण के बाद मारे गए सेना के जवान औरंगजेब के परिजनों का गुस्सा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अपने जवान बेटे को खोने वाले पिता ने कल जहां उसकी हत्या के पीछे पाकिस्तान को कसूरवार ठहराया तो आज शहीद के छोटे भाई का गुस्सा भी मीडिया के सामने फूट पड़ा।
औरंगजेब के छोटे भाई ने कहा कि भाई की मौत का बदला मैं सेना में भर्ती होकर लूंगा। जिस दिन मैं सेना में भर्ती हो गया उस दिन उनकी खैर नहीं होगी। कश्मीर में आतंकियों को चुन-चुन कर मारूंगा। गौरतलब है कि औरंगेजब के घर पर आज सेना के तमाम आधिकारी भी पहुंचे थे।
जिनके सामने परिवार का दर्द छलक पड़ा। पिता मो. हनीफ ने सेना से अपने बेटे की मौत का बदला लेने की भी अपील की। शहीद जवान के घर के बाहर कल से गांव वालों की भीड़ जुटी है। गांव वालों में भी पाकिस्तान और कश्मीर के आतंकियों के प्रति गुस्सा साफ तौर पर देखा जा सकता है।
शहीद के गांव वालों का कहना है कि कश्मीर में अब सीजफायर का खत्म किया जाना चाहिए। इससे किसी को कोई लाभ नही हुआ है। सीजफायर की आड़ मे जहाँ नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलाबारी मे जवान और स्थानीय लोग मारे जा रहे हैं, वही कश्मीर मे हमारे जवान भाईयों को निशाना बनाया जा रहा है। अब पाकिस्तान और कश्मीर से आतंकवादियों का सफाया किया जाना चाहिए।
सलानी के जांबाज जवान औरंगजेब को अगवा कर आतंकियों ने बृहस्पतिवार को निर्मम हत्या कर दी, लेकिन शुक्रवार की सुबह नौ बजे तक उनके परिवार वालों को इसकी जानकारी नहीं थी। औरंगजेब की मां और बहनें मीडिया के माध्यम से उसकी रिहाई की गुहार आतंकियों से लगा रही थीं। गांव वालों में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह उन्हें हकीकत बता पाएं।
औरंगजेब को अगवा कर उसकी हत्या की जा चुकी थी लेकिन इसके 15 घंटे बाद भी उसकी मां और पांच बहनें इस बात से अंजान थीं। हालांकि गांव के ज्यादातर लोगों को समाचारों के माध्यम से सच्चाई का पता बृहस्पतिवार की रात को ही चल चुका था। इसके चलते पूरे गांव में मातम छा गया। सुबह उजाला होने के साथ ही गांव की महिलाएं औरंगजेब के घर में इस बहाने से जमा होने लगी थी कि उसका कुछ पता चला कि नहीं।
महिलाओं की चीत्कार से गमगीन हुआ गांव
इस दौरान गांव के पुरुष जिनको इस बात की पूरी खबर थी। वे शहीद औरंगजेब के मकान के पीछे खेतों में ही डेरा डाले रहे तकि भीड़ देख कर घर की महिलाओं को शहादत का पता न चल पाए। पर सच्चाई कब तक छुपती, करीब 11 बजे परिवार की महिलाओं को हकीकत का पता चला तो पूरा गांव उनकी चीत्कार से गमगीन हो गया।
शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा घर
शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंच चुका है। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद हैं। कल सुबह से ही उनके घर के बाहर गांव वालों, रिश्तेदारों का मजमा लगा हुआ था। जानकारी के अनुसार खराब मौसम के कारण पार्थिव शरीर उनके घर तक पहुंचने में कठिनाई आ रही थी। जिस कारण से इतना समय लगा।
सेना के कई आधिकारी व जवान भी शहीद के घर पर पहुंच गए हैं। शहीद औरंगजेब के पिता मो. हनीफ ने बेटे का पार्थिव शरीर देख कर कहा कि मेरे बेटे ने अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया है, उसने अपना वादा पूरा किया।
उसने खुद को राष्ट्र के लिए त्याग दिया और मेरे पास वापस आया। मैं केंद्र और राज्य सरकारों से आतंकवाद को खत्म करने का अनुरोध करता हूं।