जनजीवन ब्यूरो /नई दिल्ली. भाजपा ने पीडीपी के साथ अपने गठबंधन को खत्म करने की घोषणा कर दी।जितने दिन जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीजीपी सरकार थी, अलग-अलग नीतियां चल रही थी। प्रशासनिक स्तर पर तालमेल का अभाव था। बीजेपी की ओर से गठबंधन सरकार से समर्थन वापसी के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया। जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है।
इसके साथ ही, महबूबा ने आज शाम को पीडीपी की बैठक बुलाई है। उधर, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि राज्य में जो हुआ अच्छ हुआ। कांग्रेस किसी भी सूरत में पीडीपी के साथ सरकार नहीं बनाएगी। तो वहीं उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि वो किसी भी गठबंधन का समर्थन नहीं करेंगे और राज्यपाल शासन का समर्थन करते हैं। राज्यपाल एनएन वोहरा को इस्तीफा सौंपने के बाद महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से बात की। उन्होंने कहा कि जनता को मुसीबत से निकालने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया था। जनता से संवाद बनाने के लिए सरकार का गठन किया गया था। महबूबा ने कहा कि घाटी में शांति के लिए पाकिस्तान से भी बातचीत होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा सौंपने के बाद महबूबा ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को बता दिया है कि हम कोई और गठबंधन नहीं करेंगे। हमने हमेशा कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बल प्रयोग की सुरक्षा नीति काम नहीं करेगी, सुलह-समझौता महत्वपूर्ण है। हम कश्मीर में संवाद और सुलह- समझौता के लिए प्रयासरत रहेंगे तथा भाजपा के साथ गठबंधन सत्ता के लिए नहीं था।
जितने दिन जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीजीपी सरकार थी, अलग-अलग नीतियां चल रही थी। प्रशासनिक स्तर पर तालमेल का अभाव था। सिन्हा के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर को लेकर जो भी चुनौतियां हैं, उसका सामना केंद्र सरकार खुद करना चाहती है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती वैसे भी भाजपा की मेहरबानी पर थी और भाजपा ने इस मेहरबानी को खत्म कर दिया है।
फिलहाल यशवंत सिन्हा जम्मू-कश्मीर में शांति प्रयासों के लिए देश के नागरिक की हैसियत से लोगों से मिल रहे हैं। प्रयास कर रहे हैं। उनके साथ कुछ और प्रबुद्ध लोग भी इस अभियान में जुड़े हैं। सिन्हा ने कुछ समय पहले भी केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया था।
सबकुछ लुटा के होश में आए तो
भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद सबसे कड़ी प्रतिक्रिया कांग्रेस पार्टी ने दी है। पार्टी के प्रवक्ता ने दो लाइनों के सहारे अपनी पूरी बात कह दी। सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सबकुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया……खुद ही लगा के आग तमाशाई बन गए।’ सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा की सत्ता की भूख ने जम्मू-कश्मीर को आतंक की आग में झोंक दिया। चार वर्षों में 373 जवान शहीद हुए और 239 लोग मारे गए। आखिर देश को हासिल क्या हुआ?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पैदा हुए हालात के लिए भाजपा को दोहरा कसूरवार ठहराया। आजाद ने भाजपा-टीडीपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। गुलाम नबी ने कहा कि चार साल में ही भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद को चरम पर पहुंचा दिया।
इस दौरान वहां सबसे अधिक सेना के जवान शहीद हुए। संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ, बच्चों की पैलट गन से आंखें चली गई, वे जख्मी हुए। इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर का व्यापार, पर्यटन सब तबाह हो गया।