जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की खूब तारीफ की और उन्हें ‘ड्रीम बॉस’ बताया। उन्होंने अपने कार्यकाल को लेकर कहा, ‘यह उनका सर्वश्रेष्ठ जॉब था और रहेगा।’
सुब्रमण्यन ने यह भी जोड़ा कि वह कार्यकाल के बाद भी देश की सेवा को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि वह एक या दो महीने में ‘अच्छी यादों ‘ के साथ वित्त मंत्रालय से विदाई लेंगे। हालांकि, उन्होंने तारीख का फैसला वित्त मंत्रालय पर छोड़ा।
सुब्रमण्यन को 16 अक्टूबर, 2014 को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए हुई थी। 2017 में उनके कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाया गया था।
उन्होंने कहा कि उनके बाद यह जिम्मा कौन संभालेगा इसकी खोज जल्द शुरू होगी। अपने कार्यकाल को लेकर उन्होंने कहा, ‘आप मुझे अच्छा सीईए या बुरा सीईए कह सकते हैं, लेकिन आलसी या निष्क्रिय सीईए नहीं।’
कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर उन्होंने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) और उनके द्वारा प्रकाशित इकनॉमिक सर्वे का जिक्र किया। जीएसटी में कुछ बदलाव की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि ऐल्कॉहॉल को जीएसटी के तहत लाया जाए।’ उन्होंने दुनियाभर में आर्थिक विकास पर एक किताब लिखने की भी इच्छा जाहिर की।
इससे पहले जेटली ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया कि सुब्रमण्यन पारिवारिक प्रतिबद्धताओं की वजह से अमेरिका लौटना चाहते हैं। उनके कारण व्यक्तिगत हैं, लेकिन उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक प्रबंधन के लिए सुब्रमण्यन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे उनके व्यक्तित्व , ऊर्जा, बौद्धिक क्षमता और विचारों की कमी खलेगी। एक दिन में वह कई बार मेरे कमरे में आकर मुझे ‘मिनिस्टर’ कहकर बुलाते थे।