जनजीवन ब्यूरो / मगहर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संतकबीर की निर्वाणस्थली से बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार कर दी। यूपी में महागठबंधन का नाम लिए बगैर सपा और बसपा के साथ कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार को गरीबों के आवास की चिंता है जबकि उन्हें (विपक्ष) अपने बंगलों की। वह कबीर साहिब के आदर्शों चलते हुए शांति और विकास की बात करते हैं जबकि विपक्ष कलह और असंतोष का माहौल बनाने में लगा है। पीएम ने कबीर के राम को आदर्श बताया तो कलाम साहब के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया। भाषण की शुरूआत पीएम ने भोजपुरी भाषा से की। उन्होंने कहा कि कई महापुरुषों के नाम पर राजनीतिक धारा बनाई जा रही है जिससे देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है। कुछ राजनीतिक दल अशांति का माहौल बनाने में लगे हुए हैं। क्योंकि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।
पीएम ने संत कबीर के साथ गुरुनानक देव और गुरु गोरक्षनाथ के साथ कबीर के आदर्श राजा राम के साथ ही संत रैदास, महात्मा ज्योतिबका फूले, महात्मा गांधी और बाबा साहेब आंबेडकर का जिक्र करते हुए दलितों, वंचितों, शोषितों और महिलाओं के साथ नौजवानों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
पीएम मोदी ने यहां कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई और इस दौरान सीएम योगी भी उनके साथ थे। इसके बाद पीएम यहां कबीर एकेडमी रिसर्च संस्थान की आधारशिला रखी।
योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि पहले यूपी की सरकार को अपने बंगलों से प्यार था। जब से योगीजी की सरकार आई उसके बाद यूपी में गरीबों के लिए रिकॉर्ड घरों का निर्माण किया जा रहा है। कबीर ने कहा था आदर्श शासक वही है जो जनता की पीड़ा दूर कर सके। अफसोस आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्य विधाता बनाकर संत कबीर की बातों को भुलाने में लगे हैं। पीएम ने कहा कि कबीर जी ने लाज-लिहाज के रुढ़ियों पर प्रहार किया था।
समाज और बहुजन की बातें करने वालों का हम लालच देख रहे हैं। दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने और उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी लेने की फिराक में घूम रहे है। ये देश और समाज नहीं बल्कि अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं। गरीब, वंचित, शोषित को धोखा देकर अपने लिए करोडो़ं का बंगाल बनाने वाले लोग हैं।
तीन तलाक की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- ‘मुस्लिम बहने तीन तलाक को हटाने की लगातार मांग कर रही है। लेकिन यह राजनीतिक लोग, सत्ता का खेल खेलने वाले इममें रोड़े अटका रहे है। अपनी लाभ के लिए सामाजाकि बुराईयों को खत्म नहीं करना चाहते हैं।’ कबीर ने कहा था आदर्श शासक वही है जो जनता की पीड़ा दूर कर सके। अफसोस आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता बनाकर संत कबीर की बातों को भुलाने में लगे हैं। कबीर जी ने लाज लिहाज के रुढ़ियों पर प्रहार किया था।
पीएम ने कहा कि गरीबी हटाने के नाम पर वो गरीबों को वोट बैंक की सियासत पर प्रयोग करते रहे। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित महिलाओं को, नौजवानों को सशक्त करने का काम कर रही है। जनधन योजना के तहत 5 कोरड़ लोगों के बैंक खाते खुले। महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिया गया। 1 करोड़ 70 लाख लोगों को एक रुपए में आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थाय सेवा दी गई। गरीब के विकास को सरकार ने अपनी प्रथामिकता बनाया है। आज दोगुनी तेजा से हाईवे, एयरपोर्ट सहित सभी कार्य का प्रतिबिम्ब है। जिस तरह कबीर के काल में मगहर को अभिष्प्त माना गया उसी तरह आजादी के इतने सालों तक देश विकास के लिए तरस रहा था। हमारी सरकार का संकल्प है कि भारत की भूमि को विकास की धारा से जोड़ा जाए।
पीएम ने कहा कि हम मगहर को तेज विकसित करने का काम हम करने जा रहे हैं। संत कबीर के वचनों को ढालकर न्यू इंडिया बनाया जाएगा।