जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । भारत में गरीबों के आंकड़े बढ़ रहे हों लेकिन स्विस बैंकों में भारतीयों की रकम में 50.2% भी इजाफा हो रहा है। साल 2017 के आखिर तक भारतीयों के करीब सात हजार करोड़ रुपए वहां जमा थे। मोदी सरकार के शुरुआती तीन साल में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा लगातार घट रहा था। लेकिन चौथे साल में पहली बार यह रकम 50 फीसदी तक बढ़ गई। यह 13 साल की सबसे तेज बढ़ोतरी है। इससे पहले 2004 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 56 फीसदी बढ़ा था। ये आंकड़े स्विट्जरलैंड की सेंट्रल बैंकिंग अथॉरिटी स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने गुरुवार को जारी किए।
काले धन के खिलाफ नोटबंदी और बेनामी संपत्ति कानून जैसे सख्त कदमों के बावजूद तीन साल का ट्रेंड पलटना चौंकाने वाला है। स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा 7,000 करोड़ में से कस्टमर डिपॉजिट 3,200 करोड़ है। 1,050 करोड़ रुपए दूसरे बैंकों के जरिए जमा हुए। 2,640 करोड़ रुपए प्रतिभूतियों जैसी अन्य देनदारियों के जरिए जमा हुए। तीनों ही मदों के तहत रकम में भारी इजाफा हुआ। स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों की कुल रकम तीन फीसदी बढ़ी है। यह करीब 100 लाख करोड़ रुपए हो चुकी है। स्विस बैंकों में पिछले साल पाकिस्तानी नागरिकों का पैसा 21% घटकरकरीब 7,700 करोड़ रुपए रह गया। पाकिस्तानियों के लिहाज से यह अब तक की सबसे कम रकम है। भारतीयों की रकम में 50% इजाफे के बावजूद पाकिस्तानियों के डिपॉजिट से कम ही है।
भारतीयों द्वारा सीधे तौर पर स्विस बैंकों में जमा किया धन 99.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 6,900 करोड़) और फंड मैनेजरों के जरिये जमा धन 1.62 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 112 करोड़ रुपये) हो गया है। केंद्र के काले धन के खिलाफ चलाए अभियान के बावजूद स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में बढ़ोतरी परेशान करने वाली है। ग्राहकों की सूचना बेहद गोपनीय रहने के कारण दुनिया भर के लोग अपना काला धन स्विस बैंकों में रखते रहे हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपन ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने लिखा, ‘ब्रेकिंग न्यूज वित्त सचिव अधिया को एक बड़ी कामयाबी मिली है। गुप्त स्विस बैंक अकाउंट में जमा धन में पिछले 12 महीनों में वैश्विक तौर पर 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं भारतीय जमाराशि 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। अधिया इससे ज्यादा संभाल लेते अगर राजेश्वर (प्रवर्तन निदेशालय अधिकारी) बीच में नहीं आते।’
2016 में दर्ज हुई थी गिरावट
2016 में स्विस बैंकों में भारतीयों के धन में 45 फीसदी गिरावट आई थी। सर्वाधिक सालाना गिरावट के बाद यह 676 मिलियन स्विस फ्रैंक (4,500 करोड़ रुपये) रह गया था। 1987 में यूरोपियन बैंक द्वारा आंकड़े सार्वजनिक करने की शुरुआत के बाद यह सबसे निचला स्तर था।
हर तरह के जमा में हुई बढ़ोतरी
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के धन में 3,200 करोड़ रुपये का कस्टमर डिपॉजिट, 1,050 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के जरिये और 2,640 करोड़ रुपये अन्य लायबिलिटीज के रूप में शामिल थे। एसएनबी के मुताबिक, 2017 में भारतीयों की ओर से हर तरह से होने वाले जमा में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई।
भारत से ज्यादा पाक का जमा
2017 में स्विस बैंकों में पाकिस्तान के नागरिकों की जमा राशि में 21 फीसदी कमी आई है। पाकिस्तानियों ने 1.15 अरब स्विस फ्रैंक (7,700 करोड़ रुपये) स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा कराए। तीन साल से जमा में गिरावट के बावजूद पाकिस्तानियों की कुल जमा राशि भारतीयों से करीब 700 करोड़ रुपये ज्यादा है।
विदेशियों के 100 लाख करोड़
एसएनबी की ओर से जारी आधिकारिक सालाना आंकड़ों के मुताबिक, स्विस बैंकों में सभी विदेशी ग्राहकों का कुल धन 1.46 खरब स्विस फ्रैंक (करीब 100 लाख करोड़ रुपये) से अधिक है। 2017 में विदेशी ग्राहकों के जमा में कमी के बावजूद स्विस बैंकों के मुनाफे में 25 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।