जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । झारखंड में मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने और लडडू खिलाने पर चौतरफा आलोचनाओं से घिरे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने आखिरकार अब इस मामले पर खेद जताया है। जयंत ने कहा कि अगर मेरे काम से गलत संदेश गया है तो मैं खेद जताता हूं।
जयंत ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि कानून अपना काम करेगा। दोषियों को सजा मिलेगी और निर्दोष रिहा होगा। अगर मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहनाने से गलत इंप्रेशन गया है तो मैं उसके लिए खेद जताता हूं।’
गौरतलब है कि सिन्हा द्वारा रामगढ़ मॉब लिंचिंग के आरोपियों को सम्मानित करने पर विपक्षियों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उन्हें मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग की गई।
बता दें कि 40 साल के अलीमुद्दीन अंसारी को रामगढ़ शहर के टंड इलाके में स्थित बाजार में 29 जून 2017 को भीड़ ने कार में बीफ ले जाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला था। बाद में हुई फोरेंसिक जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई की कार में रखा मीट बीफ ही था। इस साल मार्च में एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 11 लोगों को इस घटना में आरोपी माना था। हालांकि पिछले हफ्ते झारखंड हाईकोर्ट ने भाजपा कार्यकर्ता सहित 8 लोगों की सजा पर रोक लगा दी थी।
एक आरोपी जय प्रकाश नारायण जेल से निकलकर सीधे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के घर पहुंचे। मंत्री ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। मंत्री द्वारा आरोपियों को माला पहनाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। जिसके बाद सफाई देते हुए सिन्हा ने कहा था, ‘मेरा न्यायिक व्यवस्था और कानून में पूरा विश्वास है।
सिन्हा ने कहा था कि आरोपी को सजा मिलनी चाहिए। मैं एक जनता का प्रतिनिधि हूं और एक मंत्री हूं। मैंने कानून को बचाने की कसम खाई है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जब इन लोगों को जमानत मिली तो यह मेरे घर आए। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दीं। भविष्य में भी कानून को अपना काम करने दीजिए। आरोपियों को सजा दी जाएगी और निर्दोष रिहा हो जाएंगे। मंत्री के इस कदम पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने कहा था कि यह बहुत संवेदनशील मामला है और सिन्हा को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ऐसा नहीं करना चाहिए।