जनजीवन ब्यूरो / श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी को चेताया है कि अगर पीडीपी को तोड़ा गया तो तब जिस तरह एक सलाउद्दीन और यासीन मलिक पैदा हुए थे, इसबार हालात और भी खराब होंगे। महबूबा के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में जंग छिडी हुई है। बीजेपी इसे राष्ट्र विरोधी बयान बता रही है और उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग कर रही है।
पीडीपी में बगावत के गंभीर संकेत मिल रहे हैं और महबूबा ने बगावती नेताओं पर कार्रवाई भी शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम ने बीजेपी और केंद्र सरकार को भी चेताया है कि अगर पीडीपी को तोड़ने की कोशिश हुई तो इसके खतरनाक परिणाम होंगे। ऐसा कहते हुए महबूबा ने 1990 के दशक के कश्मीर और सलाउद्दीन जैसे आतंकियों का भी जिक्र किया।
महबूबा ने बीजेपी और केंद्र सरकार को 1987 के घटनाक्रम की याद दिलाते हुए चेतावनी दी है। महबूबा ने कहा कि अगर दिल्ली 1987 की तरह लोगों के वोटिंग राइट्स को खारिज करने, कश्मीर के लोगों को बांटने की कोशिश करेगी तो खतरनाक हालात पैदा होंगे। महबूबा ने कहा कि तब जिस तरह एक सलाउद्दीन और यासीन मलिक पैदा हुए थे, इसबार हालात और भी खराब होंगे। जम्मू कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा है कि महबूबा का बयान काफी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि बीजेपी किसी तोड़फोड़ की प्रक्रिया में नहीं लगी है।
इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को बगावती नेताओं पर ऐक्शन लेना शुरू कर दिया। पीडीपी ने विधान परिषद सदस्य यासिर रेशी को बांदीपुरा जिला अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया। यासिर रेशी उन पीडीपी नेताओं में से एक हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से महबूबा मुफ्ती की आलोचना की थी। पीडीपी में बगावत के सुर काफी तेज हो चुके हैं, जिसे लेकर जाहिर तौर पर महबूबा परेशान चल रहीं हैं।
आपको बता दें कि पिछले दिनों पीडीपी के एक नेता ने दावा किया था कि कई विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं। जादीबल से पीडीपी के नाराज नेता आबिद अंसारी ने दावा किया है कि 14 विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं। शिया नेता इमरान अंसारी रजा और अंसारी पहले ही पीडीपी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती के बयानों पर आपत्ति दर्ज करते हुए उनके आरोपों को भी खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि सैयद सलाउद्दीन फिलहाल आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का चीफ है और पाकिस्तान में बैठ भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। वहीं यासीन मलिक कश्मीर के बड़े अलगाववादी नेताओं में से एक है।