जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर हमले के लिए कांग्रेस ने निजी पारिवारिक हलफनामे का उपयोग किया। यह हलफनामा 198० के हेमंत सिंह का है। इससे माना जा रहा है कि कांग्रेस पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी मामले को किसी भी हालत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि वसुंधरा और ललित मोदी ने मिलकर राजस्थान की सरकारी संपत्ति को भी निजी बनाकर लाभ कमाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस ने एक बार फिर वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग की और प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ने की अपील की। जयराम ने प्रधानमंत्री को मौनेंद्र की संज्ञा देते हुए कहा कि वे अब मौन तोडें और वसुंधरा राजे को पद से हटाएं।
रमेश ने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा कि 1० अप्रैल 1954 में धौलपुर रियासत, जिसे ‘मत्स्य ‘ के रूप में भी जाना जाता है, को स्वतंत्र भारत में भारतीय संघ में मिला दिया गया। भारत और राज्य सरकार ने फिर एक पत्र जारी कर धौलपुर राज्य के तत्कालीन शासक राणा उदयभान सिह, वसुंधरा राजे के दादा ससुर, की निजी संपत्तियों की सूची तय किया।
गौरतलब है कि धौलपुर लैंड एंड पैलेस को राणा उदयभान सिह की निजी संपत्ति के रूप में वर्णित या शामिल नहीं किया गया था। इस तथ्य को और कोई नहीं, स्वयं वसुंधरा राजे के पति हेमंत सिह ने भी आपसी मुकदमेबाजी में अदालत के सामने स्वीकार किया है। 14 नवंव्बर 198० को अदालत के समक्ष दायर एक लिखित बयान के अनुच्छेद ( पैरा) 2 में हेमंत सिह ने कहा था कि धौलपुर रियासत के विलय के बाद धौलपुर लैंड एंड सिटी पैलेस को सरकार के स्वामित्व में घोषित किया गया था।
रमेश ने कहा कि यहां तक कि वसुंधरा ने खुद भी ०8 नवंबर 2००5 को ‘हेमंत सिह बनाम दुष्यंत सिह के बीच ‘ सिविल मुकदमा संख्या 222 में इस तथ्य को एक शपथ पत्र में स्वीकार किया था। शपथ पत्र के अनुच्छेद ( पैरा) 18 में उन्होंने कहा था कि 22 अक्तूबर 1954 के बाद, भारत सरकार द्बारा किसी भी संपत्ति को निजी संपत्ति के रूप में घोषित नही किया गया था। खसरा नं 49० में उल्लिखित इस संपत्ति को ‘राज महल’ के रूप में दर्शाता है। वर्ष 1971 के चकबंदी में राजस्थान सरकार की संपत्ति के रूप में ही दिखाता है। वर्ष 2०1० की नवीनतम जमाबंदी भी खसरा नंबर 875 में उल्लिखित धौलपुर सिटी पैलेस एंड लैंड को ‘सरकारी संपत्ति ‘ के रूप में ही दर्शाता है।
धौलपुर सिटी पैलेस एंड लैंड के राजस्थान सरकार की संपत्ति होने के इस तरह के स्पष्ट सबूत होने के बावजूद वसुंधरा और ललित मोदी इसे एक अत्यंत महंगे निजी लक्जरी होटल के रूप में परिवर्तित कर दिया, जिसे वर्तमान में उनकी कम्पनी नियंत हेरिटेज होटल प्राइवेट लिमिटेड के द्बारा चलाया जा रहा है।