नई दिल्ली । ‘कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है’ को लेकर कांग्रेस भाजपा के सामने घुटने टेकते नजर आ रही है। यूपीए शासनकाल में डॉ मनमोहन सिंह के इस बयान पर कि इस देश के सभी संसाधनो पर मुसलमानो का पहला अधिकार को लेकर जिस तरह घमासान मचा था ठीक उसी तरह का माहौल भाजपा बना दी है। कांग्रेस पार्टी इस मामले पर साफ साफ कहने से बचती नजर आ रही है। जबकि भाजपा आक्रामक होती जा रही है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कांग्रेस घोर सांप्रदायिक पार्टी है। मुस्लिम पार्टी की बात नकारना पाखंड है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण और सांप्रदायिकता की राजनीति करती है। कांग्रेस की सोच है कि वो मुस्लिमों की पार्टी है।
जावड़ेकर ने इस दौरान 1984 के दंगे और भागलपुर दंगे की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दंगों की जांच तक नहीं कराई। अब वो बेनकाब हो गई है। ये कांग्रेस की ही घृणित सोच का नतीजा था कि देश का बंटवारा हुआ।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी दावा किया है कि कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष नदीम जावेद ने भी एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताया है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा ‘कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष नदीम जावेद ने इंकलाब अखबार को दिए इंटरव्यू में इस बात को दोहराया है कि राहुल गांधी ने सही कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। नसीम जावेद ने आगे कहा कि राहुल गांधी मुस्लिम अकलियत (बुद्धिजीवी) के साथ बैठक कर रहे हैं और बहुत जल्द वह एक मुस्लिम सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे’।
राहुल गांधी के करीबी रहे शहजाद पूनावाला ने भी नदीम जावेद के बयान की पुष्टि की है। उन्होंने भी ट्वीट करते हुए कहा है ‘नदीम जावेद ने इंकलाब की खबर को सच माना है। नदीम जावेद ने कहा है कि राहुल गांधी ने मुसलमानों के ताल्लुक से ना कोई गलत बात कही है और ना ही इंकलाब ने कोई गलत बात लिखी’।
हालांकि नदीम जावेद ने अपने इस बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि संबित पात्रा ने मेरे द्वारा दिए गए जिस तरह से बयान का दावा किया है, वैसा बयान मैंने कभी दिया ही नहीं है। ये दावा पूरी तरह से गलत और तथ्यों से परे है। ये एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने बयान में कहा था ‘अगर भारत को सुपर पावर बनाना है तो पिछड़ों और कमजोर तबके के लोगों को साथ लेकर चलना होगा, क्योंकि कांग्रेस उन्ही की पार्टी है। यहीं राहुल गांधी की भी सोच है और नेहरू और मौलाना आजाद की भी यही सोच थी’।