जनजीवन ब्यूरो / इंफाल । केंद्र सरकार और नगा गुटों के बीच चल रही वार्ता के किसी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के साथ किसी तरह का समझौता किया जाएगा तो वह इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसी परिस्थिति में राज्य में होने वाली प्रतिक्रिया भी नियंत्रण से बाहर होगी।
दिल्ली में केंद्र सरकार के कई मंत्रियों से मुलाकात के बाद सीएम एन बीरेन सिंह ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मणिपुर के लोगों के लिए इतिहास, बैकग्राउंड और वर्तमान राज्य का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। यदि वर्तमान शांति वार्ता (नगा समूहों के साथ) में कुछ होता है तो राज्य के लोगों की प्रतिक्रिया को रोकना नियंत्रण से बाहर होगा। मेरी चिंता यह है कि केंद्र सरकार कोई भी फैसला लेने से पहले औपचारिक रूप से मणिपुर विधानसभा और सरकार को सूचित करे।’
उन्होंने कहा, ‘इस समय मैं यह नहीं कह सकता हूं कि यह (क्या समाधान में मणिपुर के क्षेत्र के साथ कोई समझौता होगा ) होगा। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। यदि हमारी आवाज नहीं सुनी गई, यदि विधानसभा या लोगों की सहमति नहीं ली गई तो हम कहीं के नहीं रहेंगे। इसके बाद हमें अपने पदों से अपने आप इस्तीफा देना होगा।’
सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, ‘हम आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले हैं और यात्रा के उद्देश्य के बारे में बताया। साथ ही अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राजनाथ सिंह हमसे मिले थे और आश्वासन दिया था कि मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता में कोई बदलाव नहीं होगा। हमें अभी भी यही आशा है।’
दरअसल, नगा उग्रवादी गुटों और केंद्र सरकार के बीच पिछले दो दशक से चल रही वार्ता अब अपने अंतिम दौर में चल रही है। माना जा रहा है कि 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र शुरू होने से पहले दोनों पक्षों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हो सकता है। बता दें कि मणिपुर में बड़ी संख्या में नगा लोग रहते हैं। नगा गुट लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उनके इलाकों को एकीकृत कर दिया जाए।
केंद्र और नगा गुटों के बीच वार्ता के बाद ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं कि दोनों राज्यों की सीमाओं के बीच कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन मणिपुर में नगा लोगों की सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के लिए प्रयास किया जाएगा। ऐसी भी आशा की जा रही है कि मणिपुर के नगा और कूकी विद्रोही गुटों के बीच आपसी सहमति से समाधान हो जाएगा।
उधर, मणिपुर के उग्रवादी गुटों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि शांति समझौते में उनकी क्षेत्रीय अखंडता और प्राधिकार से कोई समझौता किया गया तो वे चुप नहीं बैठेंगे। मणिपुर के सीएम ने भी अपने बयान में इसी खतरे से आगाह किया है। केंद्र सरकार ने चार साल पहले नगा उग्रवादी गुट एनएससीएन (IM) गुट के साथ समझौता किया था और दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। नगा गुट ग्रेटर नगालैंड बनाना चाहते हैं जिसमें वे मणिपुर के नगा इलाकों को भी शामिल करना चाहते हैं।