जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । संसद का मानसून सत्र बुधवार से शुरु होने जा रहा है। संसद की कार्यवाही सही तरीके से चलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन कर सभी दलों से सहयोग की अपील की है। मोदी ने सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से राष्ट्र के हित को देखते हुए मानसूत्र सत्र में सकारात्मक माहौल कायम करने का सामूहिक प्रयास करने की अपील की। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार विजय गोयल सहित कांग्रेस नेता आनंद शर्मा। गुलाम नबी आजाद। एनसीपी नेता शरद पवार ने हिस्सा लिया।
बैठक के बाद आनंत कुमार ने कहा कि आज सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत हुई है। प्रधानमंत्री ने संसद के सुचारू और सार्थक सत्र के लिए सभी राजनीतिक दलों का सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी को अपनी बात रखने का मौका मिला। यह बैठक सकारात्मक रही। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में मैंने दिल्ली सरकार को काम करने की इजाजत मांगी। पीएम ने हर किसी के मुद्दे सुनने के बाद कहा कि मानसून सत्र में सभी मामलों पर चर्चा की जाएगी।
लोग उम्मीद करते हैं कि संसद में कामकाज हो और हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के लोग चाहते हैं कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और सरकार ने सभी राजनीतिक दलों विशेष तौर पर विपक्ष से बिना किसी अवरोध के सार्थक कार्यवाही सुनिश्चित करने में सहयोग का आग्रह किया है। कुमार ने कहा कि सभी राजनीति दल मानसून सत्र में सार्थक कामकाज के पक्ष में है । सरकार नियमों के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने को तैयार है । सरकार संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी । संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संसद की कार्यवाही 18 जुलाई से शुरू होगी और यह 10 अगस्त तक चलेगी ।
वहीं आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों की बैठक होने वाली है। टीडीपी की ओर से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी समर्थन को तैयार हैं। हालांकि इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि टीडीपी के चलते सदन में व्यवधान न पड़े। टीडीपी और एआईडीएमके की मांग को लेकर भी विपक्ष सरकार से हस्तक्षेप चाहती है।
विपक्षी दलों ने बैठक में राज्यसभा के उपसभापति के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने की रणनीति तैयार की है। हालांकि विपक्षी दल चाहते हैं कि इस संबंध में पहल सरकार की ओर से हो। अगर उपसभापति को लेकर चुनाव की नौबत आती है तो विपक्ष का अपना उम्मीदवार होगा।
विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए अर्थव्यवस्था। मॉब लिचिंग। कश्मीर। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का फैसला लिया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से कहा कि परंपरागत ढंग से सत्र से पहले विपक्षी दलों से एक साथ बैठक कर सदन में बेरोजगारी। किसानों से जुड़े मुद्दे। विश्वविद्यालयों में एसटी-एसटी आरक्षण समाप्त किए जाने आदि मुद्दे उठाए जाने पर चर्चा की।
सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता अपनी-अपनी बात रखेंगे। बैठक में शामिल हुई विपक्ष की 13 पार्टियों ने तय किया है कि हम सदन चलना देखना चाहते हैं। आजाद का कहना है कि हम देश के लोगों के मुद्दे उठाना चाहते हैं। पिछली बार पूरा विपक्ष चाहता था दोनों सदन चलें लेकिन पहली बार हुआ सरकार नहीं चाहती है कि संसद चले। पिछली बार रूलिंग पार्टी के सहयोगी दलों ने संसद नहीं चलने दिया लेकिन आरोप लगाया गया कि विपक्ष ने हंगामा किया।