जनजीवन ब्यूरो / रांची : झारखंड के पाकुड़ जिले में स्वामी अग्निवेश को भाजपा युवा मोरचा के कार्यकर्ताओं ने जमकर पीटने की खबर आ रही है। उनके कपड़े भी फाड़ दिए गए। आरोप है कि घटना के पीछे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का हाथ है। घटना तब हुई जब भाजपा कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के दौरे का विरोध कर रहे थे और ‘ अग्निवेश गो बैक’ के नारे लगा रहे थे।
मिली जानकारी के मुताबिक अग्निवेश मंगलवार को पाकुड़ में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले थे। इससे पहले उनके होटल के बाहर ही कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी। यही नहीं उनके कपड़े तक फाड़ दिए। स्वामी अग्निवेश ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा और एबीवीपी के सदस्यों ने उन पर हमला किया है।
विरोध प्रदर्शन और काला झंड़ा दिखाने से शुरू हुआ मामला साथ सिर्फ धक्का-मुक्की तक ही नहीं बल्कि लात जुतो तक पहुंच गया। स्वामी अग्निवेश को धकेल कर नीचे गिरा दिया। उनका कपड़ा फाड़ दिया गया पगड़ी खोल दी गयी। इस दौरान बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के खिलाफ नारा लगाया। जय श्री राम। अग्निवेश भारत छोड़ो। अग्निवेश पाकुड़ में नहीं रहना होगा जैसे नारे लगाते रहे।
क्या कहना है स्वामी अग्निवेश का
इस पूरे मामले पर स्वामी अग्निवेश ने कहा। मैंने लगातार एसपी और डीएम को फोन किया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। उस वक्त वहां कोई पुलिस वाला मौजूद नहीं था। मुझे बताया गया था कि एबीवीपी और भाजयुमो के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे। मैंने उसी वक्त कहा था कि विरोध प्रदर्शन की जरूरत नहीं है वह सीधे मुझसे आकर बातचीत कर सकते हैं। उस वक्त मुझसे बातचीत के लिए कोई नहीं आया।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे अग्निवेश
स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में आयोजित पहाड़िया समाज के 195 दामिन दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मेलन में भाग लेने के लिए मंगलवार सुबह पाकुड़ पहुंचे हुए थे। वह सुबह रांची ट्रेन से पाकुड़ पहुंचे मुस्कान पाकुड़ के मुस्कान होटल में ठहरे हुए थे। करीब 10: 30 बजे मीडिया को भी संबोधित किया इस दौरान इस दौरान भी बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्यों ने होटल के बाहर नारेबाजी कर रहे थे। बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर नारेबाजी करते रहे थे।
हमें अग्निवेश के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी – एसपी शेलेंन्द्र
एसपी शैलेंन्द्र ने इस पूरे मामले में कहा। स्वामी अग्निवेश के कार्यक्रम के संबंध में प्रशासन को कोई जानकारी नहीं थी। जैसे ही हमें घटना की जानकारी मिली हम यहां पहुंच गये हैं। स्वामी अग्निवेश के पैर में चोट आयी है उनका ईलाज चल रहा है। हम पूरे घटना पर नजर रख रहे हैं। हमारी कोशिश है कि आगे किसी प्रकार की कोई वारदात ना हो।
इस पूरी घटना पर हमलोग उचित कार्रवाई कर रहे हैं। स्वामी अग्निवेश से मारपीट करने वाले लोग कौन थे। इस सवाल पर एसपी ने कहा। हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। अबतक हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। इस घटना के पीछे कौन लोग थे उन्हें पहचानने की कोशिश की जा रही है। सत्यापन के लिए कुछ लोगों पकड़ा गया है। जिला प्रशासन के व्हाट्सएप ग्रुप में भी हमने उनकी चिट्ठी को भेजा किसी को पता नहीं था कि स्वामी अग्निवेश पाकुड़ आ रहे हैं।
क्या कहना है भाजयुमो का
पुलिस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची लेकिन 1 घंटे के बाद तक सड़क जाम नहीं हटवाया सकी। पहाड़िया समाज हिल असेम्बली के लोगों ने स्वामी अग्निवेश को ले जाने के लिए मौके पर मौजूद रहे लेकिन इस घटना को रोकने के लिए वह भी कुछ नहीं कर सके। पहाड़िया समाज के लोग बेहद शांतिपूर्ण तरीके से स्वामी अग्निवेश को अपने साथ लिट्टीपाड़ा में आयोजित सम्मेलन में ले जाने के लिए पहुंचे हुए थे।
भाजपा युवा मोरचा के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अग्निवेश यहां आदिवासियों और ईसाई मिशनरियों को भड़काने आये हैं। अग्निवेश पर कार्यकर्ताओं ने ईशाई मिशनरी के इशारे पर काम करने का भी आरोप लगाया है। प्रदर्शन के दौरान ‘स्वामी अग्निवेश होश में आओ’ के नारे लगे । जानकारी के अनुसार स्वामी अग्निवेश के साथ मौजूद लोगों से भी हाथापाई की गयी।
झारखंड की राजनीति पर भी टिप्पणी करते रहे हैं स्वामी अग्निवेश
स्वामी अग्निवेश झारखंड की राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी करते रहे हैं हाल में ही उन्होंने। सरकार की नीतियों को आदिवासी हित के कानूनों को बदलने की साजिश करार दिया था। सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश। आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के सदस्य जॉनसन मसीह टूटी व अन्य ने खूंटी डीसी सूरज कुमार को उनके कार्यालय में ‘अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन के संवैधानिक प्रावधान व अन्य कानूनों की जरूरत बनाम शांति व स्वच्छ प्रशासन’ के विषय पर ज्ञापन सौंपा़ था। इसमें कहा गया है कि सरकार आदिवासी हित के कानूनों को बदलने की साजिश कर रही है।
संविधान के भाग 10 के अनुच्छेद 244(1) के तहत पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का अनुपालन किया जाना है़ यह अनुसूची। अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन व नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकारों की अलग अलग भूूूमिकाओं व जिम्मेदारियों को परिभाषित करती है़
अनुसूचित क्षेत्रों की सारी समस्याएं राज्य की कार्यपालिका व विधायिका की अनुसूचित क्षेत्रों के विधायिका क्षेत्र में घुसपैठ करने से शुरू होती है़ सामान्य क्षेत्र के नियम व कानूनों को अनुसूचित क्षेत्रों पर थोपने की प्रक्रिया पर इसका अंत होता है़ यह दुखद है कि अनुसूचित क्षेत्र से संबंधित राज्यपाल के विशेष अधिकार क्षेत्र पर राज्य सरकार की कार्यपालिका का हस्तक्षेप स्पष्ट दिखता है़
जनाक्रोश का स्मारक है पत्थलगड़ी- अग्निवेश
विगत तीन साल में राज्य सरकार ने सीएनटी व एसपीटी कानून (जो आदिवासियों की आर्थिक रीढ़ के कानून हैं) से छेड़छाड़ शुरू किया है। यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बहर की बात है़ गैर संवैधानिक तरीके से भूूमि- बैंक स्थापित किया गया है व लगभग 20।56 लाख एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है। जो मोमेंटम झारखंड के तीन लाख। 55 हजार करोड़ रुपये के 210 एमओयू द्वारा विभिन्न कंपनियों को आवंटित किये जायेंगे़ इससे लोगों में तीव्र आक्रोश है और पत्थलगड़ी उनके इस आक्रोश का स्मारक है़
जानें स्वामी अग्निवेश कौन हैं?
छत्तीसगढ़ के सक्ति में जन्मे स्वामी अग्निवेश ने कोलकाता से कानून और बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। पढ़ा की बाद उन्होंने आर्य समाज में संन्यास ग्रहण किया। इस दौरान 1968 में उन्होंने आर्य सभा नाम की राजनीतिक पार्टी बनाई। 1981 में दिल्ली में बंधुआ मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। स्वामी राजनीति में भी सक्रिय रहे। हरियाणा से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री बने। हरियाणा में मजदूरों पर लाठीचार्ज की एक घटना के बाद उन्होंने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया और राजनीति को अलविदा कह दिया।