जनजीवन ब्यूरो / अलवर । राजस्थान के अलवर में मॉब लिचिंग के शिकार रकबर उर्फ अकबर खान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर अंदरूनी चोट लगने और उसके बाद सदमे को मौत का कारण बताया गया है। बता दें कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आई है कि रकबर की पसलियां टूटी हुई थीं और फेफड़ों में पानी जमा हो गया था।
बता दें कि रबकर खान की मौत के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ चुका है। उधर, स्थानीय विधायक पर भी आरोपियों के समर्थन का आरोप लगा रहा है। प्रत्यक्षदर्शी और रकबर के दोस्त असलम ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि हमलावर पीटने के साथ बार-बार कह रहे थे कि विधायक हमारे साथ हैं। कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
विपक्ष का राज्य सरकार पर हमला
उधर राजस्थान में विधानसभा चुनाव से मॉब लिंचिंग का यह मामला बड़ा चुनावी मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, ‘भीड़ हिंसा के इस मामले में सबसे खतरनाक बात यह है कि राजस्थान पुलिस पूरी तरह से लापरवाह, संवेदनहीन और अपराधी थी। सरकार समाज के ध्रुवीकरण करने के इरादे के चलते इन गोरक्षकों के समूह और भीड़ हिंसा को अनुमति दे रही है।’
उच्च स्तरीय समिति कर रही जांच
फिलहाल इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर दी गई है। जांच समिति रकबर की हत्या की वजह- मॉब लिंचिंग, हिरासत के दौरान शोषण, या फिर चश्मदीद के बयान की जांच कर रही है।
आरोपी ही रकबर को ले गए थे थाने?
राजस्थान के अलवर में बीते एक साल में ऐसे आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं लेकिन रामगढ़ स्टेशन में तैनात पुलिस अधिकारी इस तरह के मामलों को लेकर कम गंभीर दिख रहे हैं। यहां तक कि यह भी सामने आया कि दो गिरफ्त आरोपी धर्मेंद्र यादव और परमजीत न सिर्फ पीड़ित और पुलिस के साथ थाने गए थे बल्कि उस अस्पताल भी गए थे जहां रकबर को मृत घोषित कर दिया गया था।