जनजीवन ब्यूरो / अलवर । राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी। शनिवार को कथित गोरक्षकों की पिटाई के बाद रकबर की मौत की बात सामने आई थी। मंगलवार को अलवर में घटनास्थल का दौरा करने के बाद कटारिया ने इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया है।
गृहमंत्री कटारिया ने कहा, ‘साक्ष्यों से पता चलता है कि रकबर की मौत पुलिस हिरासत में हुई है और राजस्थान सरकार इसकी न्यायिक जांच कराएगी। हमने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच शुरू करने के लिए लिखा है।’ इसके साथ ही कटारिया ने दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया और कहा कि किसी को किसी की जान लेने का कोई हक नहीं है।
कटारिया ने कहा, ‘पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पीड़ित परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे का निर्णय जिला स्तरीय विधिक कमिटी द्वारा लिया जाता है। ऐसे मामलों में जिला सत्र न्यायाधीश निर्णय लेते हैं। इसी तरह पहले भी पहलू खान के साथ मारपीट के मामले में राज्य सरकार ने 1.25 लाख रुपये का मुआवजा मृतक खान के परिजनों को दिया था। उसके बाद मुआवजा जिला विधिक कमिटी की अनुशंसा के आधार पर दिया जाता है।’
साथ ही राजस्थान के गृहमंत्री ने मीडिया को बताया, ‘मैंने पीड़ित परिवारवालों से मुलाकात की है और उन्होंने मुझे बताया कि अब तक की कार्रवाई से वे लोग संतुष्ट हैं। मैंने उनसे कहा कि घटना के बारे में अगर वे कुछ और बताना चाहते हैं तो मुझसे कभी भी आकर मिल सकते हैं।’
इसके साथ ही कटारिया ने राजस्थान सरकार में श्रम मंत्री जसवंत यादव के बयान से पल्ला झाड़ लिया। कटारिया ने कहा, ‘अपने बयान पर जसवंत खुद जवाब दें। कानून किसी को किसी की जान लेने का हक नहीं देते। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसे सजा जरूर मिलेगी।’ बता दें कि मंत्री जसवंत यादव ने कहा था कि मॉब लिंचिंग रोकने के लिए मुस्लिमों को गो तस्करी बंद कर देनी चाहिए।
बता दें कि अलवर जिले के रामगढ़ इलाके के गांव लल्लावंडी में शुक्रवार रात कुछ स्थानीय लोगों ने रकबर नाम के एक शख्स को गो-तस्कर बताकर पीटना शुरू कर दिया। बाद में उसकी मौत हो गई। अब तक इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है।