जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। स्व-नियमन से चल रहे शरीर का हाल बताने वाले डिजिटल मशीनों का सरकार जल्द नियमन करेगी। उपभोक्ता मंत्रालय के इस प्रस्ताव को विभिन्न हिस्सेदारों से मंजूरी मिल गई है। उद्योग क्षेत्र में इनके नियमन को लेकर मिली-जुली राय है, क्योंकि इससे चीन से आयात होने वाली घटिया गुणवत्ता वाली मशीनों पर रोक लगेगी।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक देश भर में सामान्य तौर पर लोग बीपी, शुगर, बुखार जैसी तमाम दिक्कतों की जांच डिजिटल मॉनिटर मशीनों के जरिए करते हैं। अब तक इनका नियमन नहीं किया जा रहा था। जिसके लिए मंत्रालय ने एक प्रस्ताव दिया था। इसे मंजूरी मिल चुकी है, जल्द ऐसी सभी मशीनें और उपकरण परख के दायरे से गुजरकर लोगों तक पहुंचेंगे। हाल ही में दवा प्रौद्यिगिकी परामर्श निकाय ने इस प्रस्ताव पर सहमति जतायी थी कि घरेलू स्तर पर शरीर की हाल बताने वाली मशीनों को ड्रग एंड कॉस्मैटिक अधिनियम के दायरे में लाया जाना चाहिए। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) मानक तय कर इन्हें गुणवत्ता के दायरे में लाएगा। मौजूदा समय बड़े पैमाने पर चीन से इनका आयात किया जाता है जो घटिया होती हैं और देश में बनने वाले अच्छी मशीनों की तुलना में उसी दाम पर मुहैया करायी जाती हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने यह प्रस्ताव लाकर इन मशीनों और उपकरणों को नियमन के दायरे में लाने को कहा था। उसकी वजह नागरिकों गुणवत्तापरक स्वास्थ्य उपकरण मुहैया कराने का है। प्रस्ताव को स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न हिस्सेदारों से मंजूरी मिल गई है और मंत्रालय इस पर आगे कदम बढ़ाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि संगठन को इसके आयात और निर्माण की मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है। जबकि भारतीय द्वा नियंत्रक महानिदेशक से इन उपकरणों को बेचने की मंजूरी संभाल सकता है। उन्होंने बताया कि भारतीय स्वास्थ्य डिवाइस उद्योग संघ समेत अन्य ने ऐसी मशीनों और उपकरणों के नियमन के प्रस्ताव का स्वागत किया है। जबकि व्यापक स्तर पर उद्योग क्षेत्र में इस मामले में राय मिली-जुली है और कागजी खानापूर्ती व सरकारी हस्तक्षेप की वजह से ज्यादातर इसके पक्ष में नहीं है। इसकी वजह यह है कि आमतौर पर ऐसी मशीनों और उपकरणों का चीन से आयात कर बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। इससे उपभोक्ता बेखबर है और कुछ लोग बड़ा फायदा हासिल कर रहे हैं। ऐसे में नियमन जरूरी है, मेक इन इंडिया को भी इससे बड़ा फायदा होगा। अधिकारी ने कहा कि हमने उद्योग क्षेत्र को आश्वासन दिया है कि उन्हें किसी तरह की परेशानी इन मशीनों और उपकरणों के नियमन के दायरे में आने से नहीं होगी।
गौरतलब है कि मंत्रालय इन मशीनों और उपकरणों का नियमन बीआईएस कानून के दायरे में लाकर करेगा। मौजूदा समय इन सबका उल्लेख किसी कानून में नहीं है।