जनजीवन ब्यूरो / इलाहाबाद । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को अखिल भारतीय पंच दशनाम जूना अखाड़े के न्योते पर संगम नगरी इलाहाबाद में हैं। शाह ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों से कुंभ की तैयारियों पर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने बड़े हनुमान के दर्शन और संगम पूजन किया। इसके बाद मठ बाघंबरी गद्दी में संतों के साथ दोपहर का भोजन किया। इससे पहले सुबह उन्होंने यमुना बैंक रोड स्थित मौजगिरि मंदिर में शिव का पूजन-अर्चन करने के बाद घाट का लोकार्पण किया। साथ ही एक ध्यान योग केंद्र का शिलान्यास भी किया।
तकरीबन सवा चार घंटे के प्रवास के दौरान उनका कोई सियासी नहीं बल्कि संतों के ही इर्द-गिर्द ही रहने का कार्यक्रम है, लेकिन उनकी हर पहल का कोई न कोई सियासी मायने निकाला जा रहा है। माना जा रहा है कि कुंभ के पूर्व संत और उनके बहाने बड़े जनमानस को साधने की कोशिश होगी। कुंभ के दौरान करोड़ों जनमानस जुटेंगे। ऐसे में वह कुंभ को बेहतर बनाने के लिए संतों के सुझाव और कुंभ से जुड़ी तैयारियों का जायजा भी लिया।
फिलहाल राजनीति में जातीय ध्रुवीकरण की होड़ है और भाजपा हिन्दू जनमानस को जोड़ने में जुटी है। ऐसे में संतों से बातचीत में हिन्दू समाज की एकजुटता का मुद्दा सबसे अहम हो सकता है। इसी क्रम में चर्च के तहत इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने, अहमदाबाद की तर्ज पर यमुना किनारे के घाट को विकसित करने, राम मंदिर निर्माण सहित अन्य मुद्दे भी शामिल हो सकते हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि उज्जैन और नासिक कुंभ मेले की कुशलता के लिए भी अमित शाह ने काफी पहले आकर पूजन-अभिषेक किया था। उनका यह दौरा भी उसी कड़ी में है।