जनजीवन ब्यूरो / पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में मासूम बच्चियों के साथ दरिंदगी का जो घिनौना खेल खेला गया, उसकी आपबीती सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बालिका गृह में रहने वाली पीड़ित बच्चियों ने पूछताछ के दौरान अपने साथ हुए जुल्मों-सितम की जो दर्दनाक कहानी सुनाई है, वह यह बताता है कि समाज में जिनके ऊपर रक्षा करने की जिम्मेवारी है, वही राक्षस बना हुआ है. मुजफ्फरपुर बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रौशन के खिलाफ बच्चियों ने जो बयान दिये हैं, उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. इस मामले में पुलिस ने रवि रौशन के खिलाफ भी चार्ज शीट दाखिल किया है. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि रवि रौशन की पत्नी के बयाने के बाद ही समाज क्लायण मंत्री मंजू वर्मा के पति पर भी आरोप लगे हैं.
दरअसल, मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में अब तक 42 में से 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो गई है. बता दें कि बिहार सरकार इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे चुकी है. बहरहाल, मुजफ्फरपुर के बाल संरक्षण पदाधिकारी रहे रवि रौशन के खिलाफ बच्चियों ने जो बयान दिये हैं, वह काफी डरावने हैं.
बच्चियों की आपबीती:
रीता (काल्पनिक नाम) : रवि रौशन सर एक दिन गृह में काउंसिलिंग के लिए आए थे. उस दिन चंदा आंटी मुझे नीचे रवि रौशन सर के पास लेकर गई. वहां जाने के बाद चंदा आंटी ने मुझे टैबलेट खाने को दिया, जिसे खाकर मैं बेहोश हो गई. जब मुझे होश आया तो शरीर पर कपड़े नहीं थे, और मेरे साथ बलात्कार हुआ था. मोकामा लाते वक्त रवि रौशन सर ने मुझे मुजफ्फरपुर की कोई भी घटना किसी से बताने से मना किया.
संगीता (काल्पनिक नाम): रवि रौशन सर ने मेरे साथ भी बलात्कार किया. मुझे चंदा आंटी रवि रौशन सर के पास लेकर गई, जहां उसने मेरे साथ गलत काम किया. मैंने जब विरोध किया तो उसने मुझे लात और थप्पड़ से मारा. बलात्कार के दौरान उसने मेरे सीने को अपने नाखून से नोच डाला. वह कभी कभी बियर की बोतल भी अपने साथ लाता था और बच्चियों को पिलाता था.
रानी (काल्पनिक नाम) : रानी बोल नहीं सकती इसलिए उसने इशारों में बताया- मैं भी यौन हिंसा का शिकार हुई हूं. जब रानी से पूछा गया कि उसके साथ किसने यौन हिंसा की तो उसने रवि रौशन की तस्वीर की तरफ इशारा करके अपनी आपबीती बताई.
काजल (काल्पनिक नाम): रवि रौशन ने बालिका गृह के रसोई घर में मेरे साथ बलात्कार किया. बलात्कार के बाद उसने रसोई घर में रखे चाकू से मेरे हाथ को जख्मी कर दिया. मैं जब जब इस निशान को देखती हूं, मेरा रोम-रोम सिहर उठता है.
मशाल बालिका गृह (आशा किरण) आवासित बच्चियों की आपबीती:
नेहा (काल्पिनिक नाम) : मेरे साथ कौन रेप करता था, उसका नाम नहीं मालूम. रोज रात को भोजन के बद आंटी मुझे कीड़े मारने की दवा कहकर टैबलेट खाने को देती थी, जिसे खाने के बाद मैं बेहोश हो जाती थी. जब मैं सुबह जागती थी तो शरीर के अंदरूनी हिस्सों में काफी दर्द महसूस होता था और कुछ कपड़े खुले हुए मिलते थे.
चंदा (काल्पनिक नाम) : मुझे भी रोज रात को भोजन के बद आंटी कीड़े मारने की दवा कहकर टैबलेट खाने को देती थी, जिसे खाने के बाद मैं बेहोश हो जाती थी. जब मैं सुबह जागती थी तो शरीर के अंदरूनी हिस्सों में काफी दर्द महसूस होता था और कुछ कपड़े खुले हुए मिलते थे. (एक अन्य लड़की ने भी ऐसी ही आपबीती सुनाई है. )
मनोरमा (काल्पनिक नाम): गृह की लड़कियों को छोटे-छोटे कपड़े पहनाकर नचवाया जाता था. इसमें बाहर के भी कई लोग शामिल होते थे. इसमें रवि रौशन भी हुआ करता था. जब हम नाचने का विरोध करते, तो वह हमें पीटते थे.
रबीना खातून (काल्पनिक नाम) : मेरा भी बलात्कार हुआ. जिन लोगों ने मेरा बलात्कार किया, उन लोगों से रवि रौशन मिला हुआ था. रवि रौशन लड़कियों के डांस प्रोग्राम में आता था. वहां शराब पीकर डांस देखथा था. अगर हम में से कोई मना कर देती थी, तो वह उसे पीटता था. रवि हमेशा गलत काम करने के इरादे से घूरता था और गलत तरीके से हम लड़कियों को छूता था.
रजनी (काल्पनिक नाम) : मैं इस तस्वीर को अच्छे से पहचानती हूं. इसने हमारे साथ रहने वाली एक मंद बुद्धि लड़की को मीना आंटी के कमरे में ले गया. उसका वहां मुंह में कपड़ा ठूंसकर बलात्कार किया. मैंने ये सब खिड़की से लगी जाली से देखा. रवि मुझे भी गलत तरीके से छूता था. उसने एक बच्ची की हत्या भी की.