जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के फाइनल ड्राफ्ट को लेकर चल रहे घमासान के बीच मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोला। पिछले दो दिनों से संसद में एनआरसी मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है। संवाददाताओं से शाह ने कहा कि मुझे संसद में बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि NRC से जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, प्राथमिक जांच में पाया गया कि वे भारतीय नहीं बल्कि घुसपैठिए हैं। यही नहीं इसदौरान उन्होंने राहुल गांधी, ममता बनर्जी से भी कई सवाल पूछे और दोनों को सलाह भी दे डाली।
शाह ने कहा कि एनआरसी मामले पर जिस तरह से देश में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इस देश पर पहला अधिकार भारतीयों का है। उन्होंने कहा भाजपा और केंद्र सरकार की प्राथमिकता देशवासियों को सुरक्षा और देश की सीमा सुरक्षित करना है। और उस ओर हमने कदम बढ़ाया है। एनआरसी मामले पर यह महज देश की जनता को गुमराह करने की एक चाल है।
यही नहीं प्रेस कांफ्रेस में शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी कई सवाल किए और कहा कि कांग्रेस हमेशा अपना स्टैंड बदलती रहती है। मैं राहुल से पूछना चाहता हूं कि आखिर वह चाहते क्या हैं? एनआरसी मामले में वह पहले अपनी बात करें और अपना स्टैंड भी साफ करें। देश सिर्फ राजनीति और वोट बैंक से नहीं चलता है इसलिए देश की सुरक्षा के मामले में उनका क्या कहना है बताएं।
‘साबित नहीं कर पाए भारतीय नागरिक’
ऐसे में शाह ने कहा कि जो लोग साबित नहीं कर पाए कि वे भारतीय नागरिक हैं, उनके नाम को ही ड्राफ्ट से अलग किया गया है। उन्होंने कहा, ‘सदन में मैंने सभी पार्टियों के लोगों को सुना पर किसी भी पार्टी ने स्पष्ट नहीं किया कि यह अंतिम सूची नहीं है। किसी ने यह नहीं कहा कि NRC कहां से आया। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की ओर से ऐसा कहा रहा है कि बीजेपी जनता के साथ धोखा कर रही है।’
शाह ने कहा कि घुसपैठियों और शरणार्थिंयों को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही है वह बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और कहा कि ममता को जेनरल नॉलेज पढ़ने और उसे तेज करने की जरूरत है। वह सिर्फ भ्रांति फैलाने का काम कर रही हैं। वहीं उन्होंने ममता से कहा कि गृह युद्ध का भय फैलाकर एक बार देश को तोड़ चुके हैं, अब वह क्या चाहते हैं, त्रिणमूल कांग्रेस को यह साफ करना चाहिए।
शाह ने देश और देशवासियों की सुरक्षा को सर्वोपरी बताया। और कहा मैं सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों और देश की सुरक्षा पर अपना रुख साफ करें और बताएं कि वह क्या चाहते हैं। देश और राष्ट्रहित से बढ़कर हमारे लिए कुछ भी नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि देशवासियों में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि असम में रह रहे सभी भारतीयों को वहां से निकलना होगा तो मैं यह बता दूं कि ऐसा कुछ नहीं होगा। कोई कहता है कि बिहारी चले जाएंगे, कोई तमिल और राजस्थानियों के जाने की बात करता है। ऐसा कुछ नहीं होगा, भारत का कोई भी नागरिक वहां (असम में) रह सकता है।
उन्होंने कहा ‘मैं पूछना चाहता हूं कि असम के लोगों के लिए मानवाधिकार नहीं है क्या? भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ही एनआरसी का गठन किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इसकी शुरुआत कांग्रेस पार्टी ने की थी, लेकिन उसके पास घुसपैठियों को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं थी। इस लिस्ट में जिनका नाम नहीं है वह घुसपैठिए हैं। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इसमें किसी भारतीय नागरिक का नाम नहीं कटा है।