जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । म.प्र. के इंदौर शहर के जाने माने व्यवसायी और पेशे से चिकित्सक डाक्टर राजेश लेखी ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह का नई दिल्ली में खुलासा किया है जो करोड़ों का फर्जी लोन देने का झांसा देकर लाखों का चपत लगाने में लगा हुआ है। जिसका जाल पूरे देश में फैला हुआ है। इस गिरोह में राजनीतिक बाहुबली, बैंकर्स, अपराधी, नौकरशाह आदि शामिल हैं। इस गिरोह द्वारा पहले देश के बड़े व्यवसायियों को चिन्हित या फंसाने का काम किया जाता है फिर उन्हें कम ब्याज पर भारी लोन देकर अपने चंगुल में फंसाने का काम किया जाता है। ऐसे ही जालसाजी औऱ धोखेबाजी के चक्रव्यूह में खुद डाक्टर राजेश लेखी बुरी तरह से फंस गए हैं। जिनका लगभग 25 लाख रूपए लेकर ये जालसाज बैठे हुए हैं। और देने का नाम नहीं ले रहे हैं। डाक्टर लेखी इंदौर के सिल्वर स्प्रिंग, फेज-दो, 17 एमराल्ड विला, बाईपास रो, मुडला के रहने वाले हैं। जिनका मोबाइल नंबर 910999483 है।
डाक्टर लेखी ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि मध्यप्रदेश में उनका कई क्षेत्रों में लंबा चौड़ा व्यवसाय है। जिसके विस्तार के लिए उन्हें भारी रकम की जरूरत थी। 2017 में डाक्टर लेखी के एक नज़दीकी मित्र श्रीरामसिंह जो इंदौर के पास पीथमपुर के एल एंड टी में प्रबंधक हैं उन्हें बताया कि हैदराबाद की एक महिला सरोजा नारायणा जिनका मोबाइल नंबर 9676165128 है लोन के बारे में फोन पर ही बात कराया। जिनसे आश्वासन मिला कि महज 4 प्रतिशत के सलाना ब्याज पर लोन यानि ऋण उपलब्ध करवा देंगी। डाक्टर लेखी ने बताया कि इस बारे में उन्होंने यानि सरोजा ने 6 नवंबर 2017 को दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में रात्रि करीबन 10 बजे बैठक के लिए बुलाया। महाराष्ट्र सदन में जिन व्यक्तियों से मुलाकात हुई उनमें शाजी अहमद सिद्दकी, मोहम्मद शाहिद अंसारी और तीसरा व्यक्ति अभिषेक श्रीवास्तव शामिल थे।
मुलाकात के बाद डाक्टर लेखी को तीनों ने आश्वासन दिया कि उनकी कंपनी उन्हें जल्द ही 5 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज की दर पर ऋण उपलब्ध करवा देगी, हां कंपनी का नाम नहीं बताया। 7 नवंबर को डाक्टर लेखी ने अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट और प्रोफाइल की एक प्रति उपलब्ध करवा दी। इसमें से एक अभिषेक श्रीवास्तव ने इंदौर जाकर डाक्टर लेखी की समस्त प्रोफाइल का जायजा लिया। इस दौरान कुछ औपचारिकता को पूरा करने के लिए डाक्टर लेखी से सवा लाख रूपए और दस्तावेज लेकर अभिषेक श्रीवास्तव दिल्ली वापस आ गया। फिर इन तीनों की तिकड़ी में से एक ने फोन करके आगे की औपचारिकता पूरी करने के लिए डाक्टर लेखी को दिल्ली के होटल ताज में बैठक के लिए बुलाया।
ताज होटल के बिजनेस सेंटर में तीनों ने लेखी को बताया कि आपका 35 करोड़ का ऋण अप्रूव हो गया है। आपको यानि लेखी को लीगल चार्ज हेतु 25500 रूपए और अभिषेक श्रीवास्तव को 225000 रूपए तत्काल देना होगा। जिसे हाथों हाथ डाक्टर लेखी ने दे दिया। इस दौरान तीनों की तिकड़ी ने डाक्टर लेखी से स्टॉम्प पर हस्ताक्षर करवा लिए। इस दौरान डाक्टर लेखी के मित्र श्रीरामसिंह मैनेजर जो एलएंडटी में मैनेजर वो भी साथ में उपस्थित थे। इस बैठक के दौरान इनके दल के एक सदस्य शाहिद अंसारी ने बताया कि आपको यानि लेखी को पूर्व प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 25 लाख रूपए जमा करानी होगी।
जिसके लिए एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति संजय तिवारी का आईएसआई बैंक का खाता नंबर 031001519263 दिया। डाक्टर लेखी के अनुसार उन्होंने भरोशा किया और 15-16 नवंबर को उपरोक्त खाते में जमा करवा दिया। इसके बाद तीनों द्वारा आश्वासन दिया गया भुगतान प्राप्त करने के बाद 15 दिन में डाक्टर लेखी के खाते में 30 करोड़ का ऋण ट्रांसफर हो जाएगा। 15 दिन बाद जब पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ तो संपर्क करने पर शाजी अहमद सिद्दकी एवं मोहम्मद सिद्दकी ने कन्नी काटते हुए बोला कि कंपनी पर ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ा हुआ है। जांच चल रही है, 30 करोड़ का ऋण मिलने में अब थोड़ा समय लगेगा। पिछले लगभग एक साल से यही खेल तीनों कर रहे हैं। हां बीच में तीस लाख में से कुछ पैसा इधर उधर वापस हुआ है। लेकिन अभी भी लगभग 25 लाख रूपए इन तीनों ने कुंडली मार कर बैठे हुए हैं।
डॉक्टर लेखी ने बताया कि यह मेरा ही मामला नहीं है इन तीनों ने उड़ीसा से एक व्यक्ति से 2 करोड़ रूपए ऐंठ रखा है। दिल्ली के एक पुलिस अधिकारी से भी 1 करोड़ रूपए ले रखा है। इन लोगों के जाल में अभी और लोग भी फंसे हुए हैं जो कुछ कारणों से सामने नहीं आ रहे हैं। थक हार के डाक्टर लेखी ने इंदौर पुलिस में इन सभी के खिलाफ धोखा धड़ी का मामला दर्ज करवाया है। इस बारे में मध्यप्रदेश की इंदौर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले को अपराध शाखा को सौंप दिया है।
डाक्टर लेखी के अनुसार अभिषेक श्रीवास्तव के तार दिल्ली कांग्रेस युवा मोर्चा जुड़ा हुआ है। इसी तरह से सिद्दकी के तार समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है।